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3 min read | अपडेटेड February 04, 2025, 09:54 IST
सारांश
Updated Income Tax Return: जितने ज्यादा वक्त के बाद टैक्स रिटर्न फाइल किया जाएगा, उस समयसीमा के हिसाब से अतिरिक्त टैक्स और ब्याज भी देना होगा।
ज्यादा से ज्यादा लोग ITR फाइल करें, इस कोशिश में दी गई है ढील
केंद्रीय बजट 2025-26 में सरकार ने करदाताओं को राहत देने के लिए कई नियमों को आसान बनाने की कोशिश की है। सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स भरें और आयकर रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करें, इसलिए इससे जुड़ी समयसीमा में भी ढील देने पर विचार किया जा रहा है।
इसी कड़ी में सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि अपेडेटेड आयकर रिटर्न (Updated Income Tax Return) को फाइल करने की समयसीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दी जाए। इसके जरिए करदाताओं को ITR में की गई गलतियों को सुधारने या जानकारी जोड़ने के लिए ज्यादा समय दिया जाएगा ताकि वह बिना किसी दबाव या पेनाल्टी के ऐसा कर सकें।
बजट 2025-26 के मुताबिक करदाता अब असेसमेंट इयर के खत्म होने के 48 महीने के बाद तक अतिरिक्त टैक्स देकर अपडेटेड आयकर रिटर्न फाइल कर सकेंगे। अगर अपडेटेड रिटर्न 24 से 36 महीने के बीच फाइल किया जाता है तो कुल टैक्स का 60% अतिरिक्त टैक्स के रूप में पड़ेगा। इस पर ब्याज भी लगेगा। अगर 36-48 महीने के बीच रिटर्न फाइल किया जाता है तो यह 70% हो जाएगा।
सरकार ने क्रिप्टो-ऐसेट्स के ट्रांजैक्शन को रिपोर्ट करना भी अनिवार्य कर दिया है। इससे जुड़ी जानकारी टैक्स अथॉरिटीज को देनी होगी।
खुद रहने के लिए इस्तेमाल होने वाली संपत्ति से जुड़े नियमों को भी आसान किया है। बजट में कहा गया है कि ऐसी संपत्तियां जहां संपत्ति का मालिक खुद रहता हो, या ना भी रह पाता हो लेकिन खुद रहने के लिए बनाया गया हो, उनकी सालाना कीमत शून्य दिखाई जा सकती है।
व्यापारियों और व्यक्तिगत करदाताओं के लिए टैक्स के पालन को आसान बनाने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। अब Tax Collection at Source (TCS) ऐसी चीजों की बिक्री पर नहीं लगेगा जिनकी कीमत ₹50 लाख से ज्यादा हो। बजट में सेक्शन 206AB और 206CCA को भी खत्म करने का प्रस्ताव दिया गया है। इनमें आयकर रिटर्न ना फाइल करने वालों के लिए ज्यादा TDS (Tax Deducted at Source) और TCS का प्रावधान था।
केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि ₹12 लाख से कम आमदनी पर आयकर नहीं देना होगा। सरकार ने सेक्शन 87ए के तहत रिबेट देकर मध्यमवर्गीय करदाताओं को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि मिडिल क्लास देश की आर्थिक वृद्धि का स्तंभ है।
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