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4 min read | अपडेटेड February 21, 2025, 08:30 IST
सारांश
8th Pay Commission Demand: कर्मचारियों को उम्मीद है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.92-2.08 की रेंज में बढ़ाया जा सकता है। मांग है कि हर स्तर पर एक ही फैक्टर को लागू किया जाए।
7वें वेतन आयोग ने हर पे ग्रेड पर अलग-अलग अनुपात में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था।
8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) को लेकर सरकार को प्रस्ताव दिए जाने का सिलसिला जारी है। नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) की मांग है कि वेतन के सभी स्तरों पर फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) एक समान हो।
एनडीटीवी प्रॉफिट की एक रिपोर्ट में NC-JCM के स्टाफ स्टाफ साइड के सेक्रटरी शिव गोपाल मिश्रा के हवाले से इसकी जानकारी दी गई है। मिश्रा का कहना है कि हर स्तर पर वेतन के लिए फिटमेंट फैक्टर एक होने से केंद्रीय कर्मचारियों के बीच में न्यूनतम और अधिकतम सैलरी के बढ़ते अंतर को कम किया जा सकेगा।
अगर सरकार इस प्रस्ताव को मानती है और 8वां वेतन आयोग एक कॉमन फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल करता है, तो सभी कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी एक जैसे अनुपात में ही होगी, क्योंकि नए वेतन और भत्ते कैलकुलेट करने के लिए एक ही मल्टिप्लायर का इस्तेमाल किया जाएगा।
फिटमेंट फैक्टर को लेकर 7वें वेतन आयोग ने अलग रुख अपनाया था। पे बैंड 1 के कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग ने 2.57 के फिटमेंट फैक्टर का प्रस्ताव दिया था लेकिन ऊपरी पे बेंड्स के लिए अलग-अलग मल्टिप्लायर लागू किए थे। जैसे, पे बैंड 2 में ₹4200 ग्रेड पे पर 2.62 और पे बैंड 3 ₹5400 ग्रेड पे पर 2.67 को लागू किया गया था लेकिन पे बैंड 1 ₹1800 ग्रेड पे पर 2.57 का मल्टिप्लायर लागू किया गया था।
7वें वेतन आयोग ने इसके पीछे वजह अलग-अलग स्तर पर काम में अंतर को बताया था। आयोग का कहना था कि पद और भूमिका के साथ जिम्मेदारी और जवाबदेही भी बढ़ती है। इसलिए यह पे बैंड 2 के बाद सुनिश्चित किया गया है कि वित्तीय बेनिफिट्स देने में इस बात का ध्यान रखा जाए।
इसके लिए इंडेक्स ऑफ रेशनलाइजेशन का इस्तेमाल किया गया है। हर स्तर पर एंट्री पे लेवल पिछले लेवल की तुलना में बढ़ाने के लिए इस इंडेक्स का इस्तेमाल किया गया है।
फिटमेंट फैक्टर एक मल्टिप्लायर है जिसका इस्तेमाल वेतन आयोग के प्रस्ताव पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को रिवाइज करने में किया जाता है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों की उम्मीद है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को 1.92-2.08 की रेंज में बढ़ाया जा सकता है जिससे एक केंद्रीय कर्मचारी की न्यूनतम सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹34,560 या ₹37,440 तक जा सकती है।
केंद्र सरकार ने बजट 2025 के पहले ही ऐलान कर दिया था कि 8वें वेतन आयोग का गठन कर दिया जाएगा। संसद में एक सवाल के जवाब में बताया गया था कि इसके गठन, चेयरपर्सन की नियुक्ति जैसे विषयों पर जल्द ही फैसला भी किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले से जुड़े अधिकारियों ने संभावना जताई थी कि अप्रैल में आयोग का गठन हो सकता है और अगले वित्त वर्ष में इसके प्रस्तावों को लागू किया जा सकता है। हालांकि, आयोग की टाइमलाइन को लेकर आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है।
केंद्रीय कर्मचारियों और वेतनधारकों के प्रतिनिधियों ने सरकार को 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को लेकर कई प्रस्ताव भेजे हैं। NC-JCM के स्टाफ साइड के साथ मंत्रालय की बैठक भी हुई थी।
इसमें वित्तीय भत्तों के साथ-साथ रक्षा और रेल मंत्रालय के कर्मियों के सामने आने वाले खतरों को मानते हुए कदम उठाने की मांग भी दोहराई गई थी। इसके अलावा DA/DR को बेसिक में मिलाने, बच्चों की शिक्षा जैसे विषयों पर कई मांगें सरकार के सामने रखी गई हैं।
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