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3 min read | अपडेटेड February 04, 2025, 16:29 IST
सारांश
Old Tax Regime Budget 2025-26: पुरानी कर व्यवस्था में बजट 2025 में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं। ऐसे में ज्यादा लोगों के नई कर व्यवस्था को चुनने की उम्मीद है।
नई कर व्यवस्था में नहीं जरूरत डिडक्शन के जरिए टैक्स बचत की। (तस्वीर: शटरस्टॉक)
बजट 2025-26 में केंद्र सरकार ने नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत एक बड़ी राहत करदाताओं को दी है। ₹12 लाख से कम आमदनी होने पर कोई आयकर टैक्स (Income Tax) नहीं देना होगा। यह प्रावधान पुरानी कर व्यवस्था में नहीं है जहां अभी भी टैक्स से राहत के लिए डिडक्शन का सहारा लेना पड़ता है।
पहले से माना जा रहा था कि सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच नई कर व्यवस्था को पहली पसंद बनाने के लिए कदम उठा सकती है, अब राजस्व सचिव तुहिन कांत पांडेय ने भी कहा है कि पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) के खुद ही एक-दो साल में खत्म हो जाने की संभावना है।
पांडेय ने कहा है कि नई कर व्यवस्था का मकसद यह है कि करदाता छूट के बारे में हर समय सोचने के बजाय अपनी जरूरत के हिसाब से निवेश करें। उन्होंने कहा कि अब जब नई कर व्यवस्था के तहत इतनी बड़ी छूट दे दी गई है तो उम्मीद है कि सभी करदाता इसी को चुनेंगे और पुरानी व्यवस्था खुद ही खत्म हो जाएगी।
पुरानी कर व्यवस्था के तहत डिडक्शन जीवन बीमा और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड जैसी बचत में निवेश के जरिए करने पर टैक्स में राहत मिलती थी। इसके जरिए बचत को प्रोत्साहित किया जाता था। हालांकि, नई कर व्यवस्था में ये डिडक्शन खत्म कर दिए गए हैं।
ऐसे में लॉन्ग-टर्म सेविंग्स पर को लेकर पांडेय ने कहा कि लोग अब भी बचत और निवेश करेंगे। कर नीति के जरिये व्यवहार में बदलाव का एक रुख रहा है... लेकिन लोग अब इतने परिपक्व हो गए हैं कि वे फैसला कर सकते हैं कि उन्हें कितनी खपत करनी है या कितनी बचत या कितना निवेश करना है।
सरकार के प्रस्तावित नए आयकर अधिनियम (New Income Tax Bill) को लेकर उन्होंने बताया कि नया कानून छोटा और समझने में आसान होगा। पुराने पड़ चुके प्रावधानों को हटाया गया है। इससे कानूनी विवाद कम होगा।
वित्त मंत्री सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश करते हुए कहा था कि सरकार संसद में नया आयकर विधेयक पेश करेगी, जो 1961 के आयकर कानून की जगह लेगा।
राजस्व सचिव ने ने बताया कि इस साल 14% राजस्व वृद्धि का लक्ष्य रखा है। कर छूट की वजह से राजस्व में ₹1 लाख करोड़ की कमी आने को ध्यान में रखते हुए वृद्धि का यह लक्ष्य रखा गया है। पांडेय ने यह भी कहा कि टैक्स का दायरा बढ़ाने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI), डेटा ऐनलिसिस जैसी टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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