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5 min read | अपडेटेड November 26, 2024, 17:12 IST
सारांश
म्यूचुअल फंड में अगर आप इन्वेस्ट करते हैं, तो ऐसे में आपको NFO के बारे में भी पता होना चाहिए, NFO से क्या सच में हाइ रिटर्न मिलता है, इससे होने वाले फायदे और नुकसान क्या हो सकते हैं और आखिरकार इसका ट्रेंड क्यों बढ़ रहा है, आइए जानते हैं-
खास मार्केट या फंड में इन्वेस्ट करने का देता है मौका
शेयर मार्केट में जब आप पैसे लगाना शुरू कर देते हैं, तो आपको नई-नई योजनाओं के बारे में पता चलता रहता है। अगर आप अपने पैसे को थोड़ा नए और एक्साइटिंग तरीके से इन्वेस्ट करना चाहते हैं, जहां आपको हाइ रिटर्न भी मिले, तो इसके लिए आप NFO यानी कि न्यू फंड ऑफर्स में भी पैसा लगा सकते हैं।
म्यूचुअल फंड में लेटेस्ट NFO एक यूनीक इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है जो एक स्पेसिफिक मार्केट या एसेट क्लास में इन्वेस्ट करने का मौका देता है। इससे डाइवर्सिफिकेशन बेनेफिट तो मिलता ही है, साथ ही रिटर्न भी हाइ मिल सकता है। अगर आप इन्वेस्टमेंट के नए ऑप्शन के बारे में जानना चाहते हैं और अपने पोर्टफोलियो को बेहतर लेवल पर ले जाना चाहते हैं, तो आपके लिए NFO के बारे में सब जानना काफी जरूरी हो जाता है।
NFO का मतलब न्यू फंड ऑफर्स है, जो पहली बार किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) द्वारा लॉन्च किया गया म्यूचुअल फंड है। एएमसी आमतौर पर नए इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचने और कैपिटल रेज करने के लिए NFO लॉन्च करते हैं। दूसरे शब्दों में अगर समझना चाहें तो NFO कुछ साल पहले ही मार्केट में आई म्यूचुअल फंड स्कीम है, जो पहले मौजूद नहीं थी।
NFO म्यूचुअल फंड तीन तरह के होते हैं, ओपन-एंडेड, क्लोज-एंडेड और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), चलिए अब थोड़ा समझते हैं कि इन तीनों NFOs में क्या कुछ होता है-
ये वह म्यूचुअल फंड स्कीम्स हैं जिनकी कोई तय मैच्योरिटी डेट नहीं है। इन्वेस्टर्स किसी भी टाइम स्कीम की मौजूदा नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) पर यूनिट खरीद या बेच सकते हैं। ओपन-एंडेड NFO उन इन्वेस्टर्स के लिए सही हैं, जो फ्लेक्जिबिलिटी और लिक्विडिटी चाहते हैं। क्लोज-एंडेड NFO
इन म्यूचुअल फंड स्कीम्स की एक तय मैच्योरिटी डेट होती है। यहां, इन्वेस्टर्स केवल शुरुआती ऑफर पीरियड के दौरान यूनिट खरीद या बेच सकते हैं। ये NFO उन इन्वेस्टर्स के लिए सही हैं, जो एक तय पीरियड के लिए इन्वेस्ट करना चाहते हैं और लिक्विडिटी को लेकर बहुत ज्यादा टेंशन नहीं लेते हैं।
ये म्यूचुअल फंड स्कीम्स स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड होती हैं और स्टॉक की तरह ट्रेड करती हैं। ईटीएफ ओपन-एंडेड फंड हैं जो सिक्योरिटीज़ की एक बास्केट में इन्वेस्ट करते हैं और एक खास इंडेक्य या कमोडिटी की परफॉर्मेंस को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। ईटीएफ उन इन्वेस्टर्स के लिए सही हैं, जो कम पैसा लगाकर पर अलग-अलग पोर्टफोलियो में इन्वेस्ट करना चाहते हैं।
अगर आपको नए और कुछ यूनीक इन्वेस्टमेंट्स की तलाश है तो NFO आपके लिए इन्वेस्ट करने का बेहतर ऑप्शन हो सकता है। हालांकि, इन्वेस्टर्स को पता होना चाहिए कि NFO कैपियल रेज़ करने के लिए एएमसी द्वारा लॉन्च किए जाते हैं। रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है, इसके अलावा, NFO में अक्सर एक स्पेसिफिक इन्वेस्टमेंट थीम होती है। इसलिए, इन्वेस्टर्स को यह इवैलुएट करना चाहिए कि क्या ये थीम उनके इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव और रिस्क प्रोफाइल को सूट करती भी है या नहीं।
NFOs बाकी म्यूचुअल फंड्स की तरह ही काम करते हैं, लेकिन यहां पर कुछ बातें हैं, जो इन्हें अलग बनाती हैं और जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। सबसे पहले, वे लिमिटेड पीरियड के लिए खुले होते हैं, आमतौर पर 15 से 30 दिनों के लिए, जिसके दौरान इन्वेस्टर्स फंड्स को सब्सक्राइब कर सकते हैं। फिर, एक बार सब्सक्रिप्शन पीरियड खत्म होने के बाद फंड नए इन्वेस्टमेंट के लिए बंद कर दिया जाता है, और यूनिट को सब्सक्राइबर्स को अलॉट कर दिया जाता है।
जब आप लेटेस्ट NFO में इन्वेस्ट करते हैं, तो ऐसे में आपको स्टैब्लिश म्यूचुल फंड्स में इन्वेस्ट करने से बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना होती है।
NFO किसी स्पेसिफिक मार्केट या एसेट क्लास में इन्वेस्ट करने का एक यूनीक मौका देता है।
NFO में इन्वेस्ट करने से आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफिकेशन बेनेफिट मिल सकता है। NFO अलग-अलग सेक्टर्स, अलग-अलग जगह या अलग-अलग एसेट क्लास में एक्सपोजर दे सकते हैं, जो ट्रैडिशनल म्यूचुअल फंड में उपलब्ध नहीं हो सकता है।
NFOs इन्वेस्टमेंट अमाउंट और लॉक-इन पीरियड को लेकर फ्लेक्जिबिलिटी देते हैं। इसका मतलब है कि इन्वेस्टर्स अपने इन्वेस्टमेंट गोल और जरूरत के मुताबिक इन्वेस्ट कर सकते हैं।
NFO की एक यूनीक खासियत यह है कि इन्वेस्टर्स NFO पीरियड के दौरान एक निश्चित प्राइस पर यूनिट को सब्सक्राइब कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि इन्वेस्टर्स इनिशियल ऑफरिंग के दौरान टीमों की कम लागत से फायदा उठा सकते हैं।
NFOs का मैनेजमेंट स्किल्ड फंड मैनेजर्स करते हैं, जिनकी स्पेसिफिक मार्केट या एसेट क्लास में एक्सपर्टीज़ होती है। इसका मतलब यह है कि इन्वेस्टर्स इन प्रोफेशनल्स की एक्सपर्टीज़ और नॉलेज का भी फायदा उठा सकते हैं।
हाइ रिटर्न के बदले अधिक रिस्क लेने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए NFO एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। हालांकि, इन्वेस्टमेंट से पहले किसी भी NFO पर रिसर्च करना और उसको सावधानीपूर्वक इवैलुएट करना जरूरी है। फंड की इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी, फंड मैनेजर के अनुभव और ट्रैक रिकॉर्ड और फंड से जुड़े खर्चों को जरूर देखें।
यहां बताए गए इन्वेस्टमेंट ऑप्शन रिकमंडेशन नहीं है। कृपया इन्वेस्ट करने से पहले पूरी तरह से रिसर्च करें और उसके बाद अपना पैसा लगाएं। सिक्योरिटीज़ मार्केट में इन्वेस्टमेंट मार्केट रिस्क के अधीन है। कृपया इन्वेस्ट करने से पहले रिस्क डिस्क्लोजर डॉक्यूमेंट्स को ध्यान से पढ़ें। कीमत में उतार-चढ़ाव के रिस्क और मार्केट के रिस्क के कारण, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपके पर्सनल इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव पूरे हो जाएंगे।
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