बिजनेस न्यूज़
2 min read | अपडेटेड April 15, 2025, 07:04 IST
सारांश
Gas Metering Rules: केंद्र सरकार ने गैस के मीटर्स को लेकर नए नियम तैयार किए हैं। इनके जरिए गैस मीटर्स को वेरिफाई और टेस्ट किया जाएगा ताकि उपभोक्ताओं को ओवरचार्ज जैसी समस्याओं का सामना ना करना पड़े। इसके अलावा मीटर्स में छेड़छाड़ जैसी घटनाओं पर भी नकेल कसी जा सकेगी।
गैस मीटर के इस्तेमाल में पारदर्शिता के लिए सरकार के नए ड्राफ्ट नियम। (तस्वीर: Shutterstock)
गैस मीटर्स से छेड़छाड़ से लेकर बिना इस्तेमाल ज्यादा बिल आने जैसे मामलों से निपटने के लिए केंद्र सरकार कड़े नियम लेकर आई है। इनके तहत मीटर्स के इस्तेमाल से पहले टेस्टिंग और वेरिफिकेशन होगा ताकि गैस के इस्तेमाल को लेकर पारदर्शिता को बढ़ाया जा सके और ग्राहकों की शिकायतों का बेहतर निपटान हो सके।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने लीगल मीट्रॉलजी (जनरल) रूल्स, 2011 के तहत गैस मीटर्स के लिए नए नियमों का खाका तैयार किया है दिसक जरिए ग्राहकों के हितों की रक्षा की जा सके और गैस के इस्तेमाल को सही तरीके से मापा जा सके।
इन नियमों के तहत घरेलू, कमर्शल और औद्योगिक, तीनों तरह के गैस मीटर्स की इस्तेमाल के पहले टेस्टिंग, वेरिफिकेशन और स्टैंपिंग जरूरी है। वहीं, इस्तेमाल के दौरान भी इनका री-वेरिफिकेशन अनिवार्य है।
केंद्र सरकार का कहना है कि इसके जरिए गैस के मापन में सटीकता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने का लक्ष्य बनाया गया है। वेरिफाइड और मुहर लगे गैस मीटर अधिक चार्ज लेने या कम मापन को रोकेंगे, विवादों में कमी लाएंगे और उपभोक्ताओं को खराब या ऐसे उपकरणों से सुरक्षा देंगे जिनके साथ छेड़-छाड़ की गई हो।
उपभोक्ताओं को उचित बिलिंग, बेहतर ऊर्जा दक्षता और मानकीकृत और अनुरूप उपकरणों की बदौलत कम रखरखाव लागत के जरिए सीधा लाभ मिलेगा।
ग्राहकों के अलावा इन नियमों से मैन्युफैक्चरर्स और गैस वितरण कंपनियों को भी फायदा होगा। उनके लिए नए नियमों के तहत ग्लोबल स्टैंर्डड्स लागू किए जाएंगे जिससे भारत की अंतरराष्ट्रीय मंच पर विश्वसनीयता बढ़ेगी।
इन नियमों को लागू करने के लिए उद्योग और दूसरे संस्थाओं को पालन करने के लिए ट्रांजिशन की अवधि दी गई है। इससे देशभर में आसान तरीके से नियमों को लागू किया जाएगा ताकि गैस के वितरण में किसी तरह की रुकावट ना हो या ग्राहकों और व्यापार पर कोई असर ना हो।
लेखकों के बारे में
अगला लेख