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  1. 8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग पर बैठक में सैलरी-पेंशन बढ़ाने, और किन मुद्दों पर हुई चर्चा, डीटेल्स

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8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग पर बैठक में सैलरी-पेंशन बढ़ाने, और किन मुद्दों पर हुई चर्चा, डीटेल्स

Upstox

3 min read | अपडेटेड February 12, 2025, 07:18 IST

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सारांश

8th Central Pay Commission Meeting: DoPT सचिव ने कहा कि बैठक के बाद टर्म्स ऑफ रेफरेंस को लेकर स्थिति पहले से ज्यादा साफ हो गई है और भविष्य में ऐसी और बैठकें की जाएंगी।

बैठक में रेलवे, रक्षा, डाक सेवाओं के कर्मचारियों के हितों का मुद्दा भी उठाया गया।

बैठक में रेलवे, रक्षा, डाक सेवाओं के कर्मचारियों के हितों का मुद्दा भी उठाया गया।

8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान तो केंद्र सरकार ने कर दिया है लेकिन कर्मचारियों और पेंशनधारकों को अब जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट लागू करने का इंतजार है। आयोग का गठन कब होगा इस बारे में सरकार की ओर से आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है लेकिन कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से मिलकर टर्म्स ऑफ रेफरेंस, यानी किस आधार पर वेतन, पेंशन और दूसरे बेनिफिट्स को बदला जाए, इस पर चर्चा जारी है।

इसी कड़ी में सोमवार, 10 फरवरी को हुई बैठक में डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग सचिव ने नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (National Council of the Joint Consultative Machinery, NC-JCM) के स्टाफ साइड की स्टैंडिंग कमिटी के साथ बैठक की थी। इसमें काउंसिल ने टर्म्स ऑफ रेफरेंस को लेकर अपने प्रस्ताव सरकार के सामने रखे हैं।

स्टाफ साइड का कहना है कि ये टर्म्स ऑफ रेफरेंस का ड्राफ्ट सही है और 8वें वेतन आयोग को अलग-अलग मुद्दों पर विचार करने का स्कोप देता है। वहीं, DoPT सचिव ने कहा कि बैठक के बाद टर्म्स ऑफ रेफरेंस को लेकर स्थिति पहले से ज्यादा साफ हो गई है और भविष्य में ऐसी और बैठकें की जाएंगी।

यहां देखते हैं इस बैठक में स्टाफ साइड ने किन मुद्दों को उठाया-
  1. 50% डियरनेस अलाउंस, डियरनेस रिलीफ को बेसिक पे में मिला देना चाहिए और कर्मचारियों और पेंशनधारकों को अंतरिम राहत मिलनी चाहिए।

  2. रेलवे और रक्षा क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की दुर्घटना में मृत्यु की घटनाओं के मुद्दे को उठाया गया।

  3. न्यूनतम वेतन तय करने के लिए तीन की जगह पांच लोगों के एक परिवार को एक इकाई माना जाना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण कानून, 2022 (Maintenance And Welfare of Parents And Senior Citizen Act 2022) के तहत बच्चों के ऊपर माता-पिता का ध्यान रखना की कानूनी जिम्मेदारी तय की गई है।

  4. सही और सम्मानित लिविंग वेज या वेतन (Decent And Dignified Living Wage) तय करने के लिए मौजूदा हालात, जरूरतों और पोषण को आधार बनाया जाए।

  5. स्टाफ साइड ने मांग की है कि पुरानी पेंशन स्कीम को वापस लाया जाए जिसमें कर्मचारियों को योगदान नहीं देना होता था।

  6. इसके अलावा हर पांच साल में पेंशन को बढ़ाने के संसदीय स्टैंडिंग कमिटी के सुझावों को लागू करना चाहिए, 12 साल बाद पेंशन के कम्यूटेड हिस्से को रीस्टोर करना चाहिए (restoration of commuted portion of pension) और फिक्स्ड मेडिकल अलाउएंस को ₹3000 प्रति माह कर देना चाहिए।

  7. 8वें वेतन आयोग के गठन के पहले स्टैंडिंग कमिटी और NC-JCM की बैठक होनी चाहिए ताकि लंबित मुद्दों पर चर्चा करके उन्हें सुलझाया जा सके।

  8. पोस्टल विभाग के ग्रामीण डाक सेवकों और निर्वाचन आयोग के कर्मचारियों को भी टर्म्स ऑफ रेफरेंस में शामिल करना चाहिए।

  9. नॉन-वायेबल पे स्केल को आपस में मिला देना चाहिए। स्किल्ड ग्रेड में न्यूनतम एंट्री स्तर पर अपग्रेड करना चाहिए।

  10. बच्चों की शिक्षा से जुड़े अलाउएंस और हॉस्टेल सब्सिडी को पोस्ट-ग्रैजुएट और प्रफेशनल कोर्स तक लागू करना चाहिए।

  11. रिस्क अलाउएंस कमिटी के सुझावों को लागू करना और आयकर, रक्षा मंत्रालय से रनिंग अलाउएंस को छूट देना।

  12. सभी लंबित काडर रिव्यू प्रपोजल, इंटरग्रेड रेशियो रिविजन को समय रहते सेटल कर देना चाहिए।

कब बनेगा आयोग?

एक्सपेंडिचर सेक्रटरी मनोज गोविल ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया है कि अप्रैल 2025 तक 8वें वेतन आयोग का गठन किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने साफ किया है कि गठन के बाद रिपोर्ट आने और रिव्यू करने में समय लगेगा। इसलिए आयोग की रिपोर्ट का वित्तीय फायदा अगले साल अप्रैल 2026 के बाद ही देखने को मिल सकता है।

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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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