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2 min read | अपडेटेड February 02, 2025, 07:50 IST
सारांश
Budget 2025 tax changes: ₹12 लाख से कम जिस आमदनी को इनकम टैक्स से बाहर किया गया है, उसमें भी कैपिटल गेन्स से होने वाली आमदनी शामिल नहीं है।
छोटे निवेशकों से लेकर अप्रवासी निवेशकों तक सभी के लिए बजट में ढील।
केंद्रीय बजट 2025-26 में टैक्स को लेकर कई बड़े फैसले किए गए हैं जिनका असर स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड निवेशकों पर पड़ा है। इनमें से एक है डिविडेंड से होने वाली आमदनी और म्यूचुअल फंड पेआउट पर TDS (Tax deducted at Source) की सीमा को बढ़ाया जाना। बजट में भारतीय सिक्यॉरिटीज में निवेश करने वाले अप्रवासियों पर भी एक समान कैपिटल गेन्स टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया गया है।
यहां समझते हैं कि बजट में ऐसे कौन से बदलाव किए गए हैं जिनका निवेशकों पर असर हो सकता है।
पहले डिविडेंड इनकम ₹5,000 से ज्यादा होने पर TDS कटता था जिसे अब दोगुना करके ₹10,000 कर दिया गया है। इससे ऐसे रीटेल निवेशकों को फायदा होगा जो स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स से डिविडेंड इनकम पाते हैं।
वहीं, म्यूचुअल फंड यूनिट्स से आने वाली इनकम पर छूट की सीमा को भी ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया गया है। इससे छोटे निवेशकों का ज्यादा फायदा होगा।
स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने वाले खुदरा निवेशकों को TDS की बढ़ी हुई सीमा के चलते कम टैक्स कटने का फायदा मिल सकता है।
स्टॉक मार्केट्स ट्रांजैक्शन पर कोई अतिरिक्त टैक्स ना लगाकर ट्रेडिंग की कीमतों को स्थिर रखा गया है। यूं तो इंडस्ट्री को कैपिटल गेन्स टैक्स में सभी ऐसेट क्लास में बदलाव की उम्मीद थी लेकिन इस तरह कोई ढांचागत बदलाव नहीं लाए गए हैं।
वहीं, ₹12 लाख से कम जिस आमदनी को इनकम टैक्स से बाहर किया गया है, उसमें भी कैपिटल गेन्स से होने वाली आमदनी शामिल नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में इसे साफ किया है कि यह आमदनी सिर्फ सामान्य, जैसे सैलरी, पेंशन और डिपॉजिट्स की हो सकती है।
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