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3 min read | अपडेटेड February 03, 2025, 10:46 IST
सारांश
Income Tax Slabs Explained: वित्त मंत्री ने साफ किया है कि ₹12 लाख तक टैक्स पर छूट का मतलब यह नहीं है कि नई कर व्यवस्था के तहत बेसिक छूट की सीमा ₹12 लाख कर दी गई है। यानी जिन लोगों की आमदनी ₹12 लाख से ऊपर है, उनके लिए बेसिक छूट की सीमा ₹4 लाख ही है।
₹12 लाख से कम सामान्य आमदनी पर आयकर नहीं होगा, सामान्य आमदनी में कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं आता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट 2025 (Budget 2025) में ऐलान किया है कि सालाना ₹12 लाख से कम सामान्य आमदनी पर अब नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत कोई आयकर (Income Tax) नहीं लगेगा। सामान्य आमदनी से मतलब सैलरी, पेंशन डिपॉजिट्स से आने वाली होती है, इसमें कैपिटल गेन्स शामिल नहीं होता। वेतनप्राप्त कर्मचारियों के लिए नई व्यवस्था में ब्याज से छूट ₹12.75 लाख तक मिलेगी जो पहले ₹7.75 लाख थी।
वित्त मंत्री ने साफ किया है कि ₹12 लाख तक टैक्स पर छूट का मतलब यह नहीं है कि नई कर व्यवस्था के तहत बेसिक छूट की सीमा ₹12 लाख कर दी गई है। यानी जिन लोगों की आमदनी ₹12 लाख से ऊपर है, उनके लिए बेसिक छूट की सीमा ₹4 लाख ही है।
टैक्स-फ्री इनकम लिमिट में बदलाव बेसिक छूट की सीमा, नई टैक्स स्लैब और दरों और आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 87ए के तहत रिबेट के चलते हुए हैं।
नई कर व्यवस्था के तहत प्रस्तावित स्लैब्स में बेसिक छूट की सीमा ₹3 लाख से ₹4 लाख कर दी गई है। इसके अलावा ₹4 लाख से ₹12 लाख के बीच आमदनी पर ₹60 हजार की टैक्स रिबेट का प्रस्ताव है। मौजूदा व्यवस्था में ₹3 लाख से ₹7 लाख के बीच सेक्शन 87ए के तहत रिबेट ₹25 हजार की रिबेट है।
नई कर व्यवस्था के तहत 2026-27 असेसमेंट इयर के बाद से भारत में व्यक्तिगत रेजिडेंट करदाताओं को सेक्शन 87ए के तहत ₹60 हजार रिबेट मिल सकती है। हालांकि, बढ़ी रिबेट कैपिटल गेन्स जैसी स्पेशन आमदनी के टैक्स पर नहीं मिलेगी।
एक नजर डालते हैं ₹12 लाख तक की आमदनी पर कैसे वित्त वर्ष 2025-26 में माफ किया गया है आयकर-
आय श्रेणी (₹ में) | प्रस्तावित कर दर | कर राशि |
---|---|---|
₹0 - ₹4,00,000 | 0% | ₹0 |
₹4,00,001 - ₹8,00,000 | 5% | ₹20,000 |
₹8,00,001 - ₹12,00,000 | 10% | ₹40,000 |
₹4 लाख- ₹8 लाख के बीच 5% और ₹8 लाख- ₹12 लाख के बीच 10% टैक्स प्रस्तावित है। ₹4 लाख तक कोई टैक्स नहीं है। ऐसे में टैक्स देयता ₹4 लाख से ₹12 के बीच ₹60 हजार हो जाती है। हालांकि, सेक्शन 87ए के तहत ₹60,000 की रिबेट की वजह से ₹12 लाख के ऊपर टैक्स नहीं पड़ेगा।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक नया टैक्स ढांचा मध्यमवर्ग के ऊपर से टैक्स के बोझ को कम करेगा और उनके पास खर्च के लिए ज्यादा राशि छोड़ेगा जिससे घरेलू उपभोग बढ़ेगा, साथ ही बचत और निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि ₹12 लाख आमदनी वाले करदाता ₹80 हजार की बचत कर सकेंगे जो मौजूदा टैक्स दरों की तुलना में 100% की राहत होगी।
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