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  1. Evolution of New Tax Regime: साल-दर-साल यूं बदलती रही टैक्स व्यवस्था, बजट 2025-26 के पहले चर्चा शुरू

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Evolution of New Tax Regime: साल-दर-साल यूं बदलती रही टैक्स व्यवस्था, बजट 2025-26 के पहले चर्चा शुरू

Upstox

4 min read | अपडेटेड January 08, 2025, 09:20 IST

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सारांश

New Tax Regime: साल 2020 के बाद से धीरे-धीरे टैक्स व्यवस्था को आसान बनाने की कोशिश की जा रही है। इसके चलते 2020, 2023 के बाद 2024 में बदलाव किए जा चुके हैं।

Union Budget 2025-26 is likely to be tabled in Parliament on February 1

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राजीव कुमार

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश होने में एक महीना रह गया है। ऐसे में जिन मुद्दों पर सबसे ज्यादा चर्चा चल रही है, उनमें से एक टैक्स व्यवस्था। पिछले साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्स व्यवस्था का ऐलान किया था।

वित्त मंत्रालय के डेटा के मुताबिक 31 जुलाई, 2024 के पहले असेसमेंट इयर (AY) 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों में ज्यादातर ने नई टैक्स व्यवस्था को चुना था। 7.28 करोड़ करदाताओं में से 72% ने नई टैक्स व्यवस्था को चुना जबकि सिर्फ 28% ने पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुना।

एक नजर डालते हैं साल-दर-साल बजट के साथ टैक्स व्यवस्था में आए बदलावों पर-

साल 2020 की वैकल्पिक व्यवस्था

वित्त मंत्री ने सबसे पहले 1 फरवरी, 2020 को नई टैक्स व्यवस्था अपने बजट भाषण में पेश की थी। यह वैकल्पिक और आसान निजी आयकर व्यवस्था थी। इसमें टैक्स दरों को कम रखा गया था। इसे चुनने पर पुरानी व्यवस्था में दिए गए छूट और डिडक्शन खत्म हो जाते।

ऐसा करने के पीछे वित्त मंत्री ने प्रक्रिया को आसान करना वजह बताई थी। उनका कहना था कि आयकर कानून में दी गईं छूट और कटौती के कारण करदाता और टैक्स अथॉरिटी, दोनों के लिए पालन करन जटिल हो जाता है। बिना प्रफेशनल्स की मदद लिए ऐसा करना मुश्किल होता है।

नई कर व्यवस्था के अंदर 6 टैक्स स्लैब थीं। इसमें कोई डिडक्शन या छूट नहीं थी। वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई थी कि इससे करदाताओं की सेविंग्स बचेंगी। हालांकि, यह व्यवस्था वैकल्पिक ही थी और कोई चाहे तो पुरानी व्यवस्था को भी चुन सकता था।

2023 में बनी डिफॉल्ट व्यवस्था

इसके बाद बजट भाषण 2021 और 2022 में नई कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किए गए। हालांकि, बजट 2023 में निर्मला सीतारमण ने इसके भविष्य को लेकर साफ दिशा दिखाई। उन्होंने कहा कि यह बाद में डिफॉल्ट व्यवस्था बनेगी। AY 2024-25 (FY 2023-24) से यह ITR ई-फाइलिंग पोर्टल पर डिफॉल्ट ऑप्शन बन गया।

ज्यादा से ज्यादा करदाता नई टैक्स व्यवस्था को चुनें, इसके लिए इसमें कुछ बदलाव भी किए गए। जैसे ₹7 लाख तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा, टैक्स स्लैब्स को घटाकर 5 कर दिया गया और बेसिक टैक्स छूट की सीमा को ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख कर दिया गया।

वेतन प्राप्त कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹50,000 और पारिवारिक पेंशन के लिए ₹15,000 कर दी गई। अधिकतम टैक्स रेट को 42.74% से घटाकर 39% कर दिया गया।

साल 2024 में आए और बदलाव

वेतन पाने वाले कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए नई टैक्स व्यवस्था को बेहतर पहुंचाने के लिए 2024 के बजट भाषण में और बदलाव किए गए। टैक्स स्लैब्स को रिवाइज किया गया। स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को ₹50 हजार से बढ़ाकर ₹75 हजार कर दिया गया।

प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को बेसिक सैलरी के 14% तक नेशनल पेंशन स्कीम में जमा करने पर डिडक्शन की इजाजत दी। इनके अलावा पारिवारिक पेंशन पर स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को ₹15 हजार से बढ़ाकर ₹25 हजार कर दिया गया।

अब इस बात का इंतजार किया जा रहा है कि बजट 2025-26 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण टैक्स व्यवस्था में क्या बदलाव करती हैं।

लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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