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  1. बजट 2025: इनकम टैक्स पर निर्मला सीतारमण से ये 10 उम्मीदें लगाए है मिडिल क्लास

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बजट 2025: इनकम टैक्स पर निर्मला सीतारमण से ये 10 उम्मीदें लगाए है मिडिल क्लास

rajeev-kumar

4 min read | अपडेटेड February 01, 2025, 12:44 IST

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सारांश

Budget 2025 Income Tax Expectations: आगामी बजट को लेकर निर्मला सीतारमण से मध्यमवर्गीय वेतनप्राप्त कर्मचारियों को आयकर में ढील की उम्मीद हैं।

आयकर में ढील की आस लगाए मिडिल क्लास।

आयकर में ढील की आस लगाए मिडिल क्लास।

केंद्रीय बजट 2025 पेश होने के पहले सबसे ज्यादा अटकलें अगर किसी चीज को लेकर लग रही हैं तो वह है आयकर। एक्सपर्ट्स से लेकर आम आदमी तक, हर किसी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यही उम्मीद है कि वह करदाताओं, खासकर वेतनप्राप्त मध्यमवर्गीय लोगों को टैक्स में राहत दे सकती हैं।

बढ़ती महंगाई दर और सरकार की नई कर व्यवस्था को लोगों के बीच पहली पसंद बनाने की कोशिशों के चलते ऐसे उम्मीद लगाई जा रही है।

यहां एक नजर डालते हैं बजट 2025 में आयकर को लेकर की जा रहीं 10 उम्मीदों पर-

1. आयकर स्लैब्स और रेट

माना जा रहा है कि नई कर व्यवस्था में टैक्स स्लैब और दरों में बदलाव किया जा सकता है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ₹15-20 तक की आमदनी वाले करदाताओं को राहत देने के लिए 20% टैक्स स्लैब का विस्तार किया जा सकता है या एक नई 25% की स्लैब बनाई जा सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि नई कर व्यवस्था में बेसिक छूट को ₹5 लाख तक किया जा सकता है।

2. स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़त

पिछले बजट में वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया था। माना जा रहा है कि इस साल इस सीमा को और बढ़ाया जा सकता है। एक्सपर्ट्स ने इसे महंगाई दर से भी जोड़ने का सुझाव दिया है।

3. स्वास्थ्य बीमा डिडक्शन में बढ़त

स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम डिडक्शन को नई कर व्यवस्था में जोड़ने और डिडक्शन की सीमा को बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है। फिलहाल इस पर डिडक्शन सिर्फ पुरानी कर व्यवस्था में मिल रहा है।

4. नेशनल पेंशन स्कीम में डिडक्शन की सीमा

पिछले कुछ साल में NPS को लेकर सरकार ने कई फैसले किए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ा जा सके। फिलहाल NPS में पुरानी कर व्यवस्था में ₹50,000 डिडक्शन मिलता है, नई में नहीं। उम्मीद है कि इसे नई कर व्यवस्था में लाया भी जा सकता है और इसकी सीमा भी बढ़ाई जा सकती है।

5. शादीशुदा जोड़ों के लिए टैक्स फाइलिंग

ICAI के एक्सपर्ट्स ने सुझाव दिया है कि शादीशुदा जोड़ों को संयुक्त आयकर फाइल करने का विकल्प दिया जाए, जैसा कई विकसित देशों में मिलता है।

6. होम लोन डिडक्शन

होम लोन के ब्याज पर डिडक्शन देने से ज्यादा लोगों को नई कर व्यवस्था से जोड़ा जा सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि पुरानी व्यवस्था में इसकी सीमा को बढ़ाया जाए।

7. हाउस रेंट अलाउएंस

नई कर व्यवस्था के तहत वेतनप्राप्त कर्मचारी जो शहरों में किराये पर रहते हैं, HRA क्लेम नहीं कर सकते। हालांकि, बढ़ते किरायों को देखते हुए उम्मीद है कि सरकार यह सहूलियत देगी और HRA नियमों को सरल भी करेगी।

8. टर्म डिपॉजिट पर टैक्स में राहत

फिक्स्ड डिपॉजिट और दूसरे टर्म डिपॉजिट्स को लोगों के लिए ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए बजट में टर्म डिपॉजिट्स से आने वाली आमदनी पर टैक्स की फ्लैट दर तय की जा सकती है।

9. लॉन्ग टर्म निवेश में कैपिटल गेन्स टैक्स में ढील

पिछले बजट में सरकार ने लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स छूट की सीमा को ₹1.25 लाख कर दिया था लेकिन टैक्स दर को 12.5% कर सभी संपत्तियों पर इंडेक्सेशन बेनिफिट्स खत्म कर दिए थे। उम्मीद है कि सरकार इस पर दोबारा विचार करेगी।

10. NRIs के लिए TDS/TCS हो आसान

अप्रवासी भारतीयों के लिए टैक्स फाइलिंग को आसान करने की मांग एक्सपर्ट्स ने रखी है। इसके अलावा अगर ₹2 लाख से ज्यादा विदेशी ट्रैवल पर खर्च होता है और कुल आमदनी बेसिक छूट से कम है, तो उनके लिए ITR फाइलिंग अनिवार्य नहीं होनी चाहिए।

लेखकों के बारे में

rajeev-kumar
Rajeev Kumar Upstox में डेप्युटी एडिटर हैं और पर्सनल फाइनेंस की स्टोरीज कवर करते हैं। पत्रकार के तौर पर 11 साल के करियर में उन्होंने इनकम टैक्स, म्यूचुअल फंड्स, क्रेडिट कार्ड्स, बीमा, बचत और पेंशन जैसे विषयों पर 2,000 से ज्यादा आर्टिकल लिखे हैं। वह 1% क्लब, द फाइनेंशल एक्सप्रेस, जी बिजेनस और हिंदुस्तान टाइम्स में काम कर चुके हैं। अपने काम के अलावा उन्हें लोगों से उनके पर्सनल फाइनेंस के सफर के बारे में बात करना और उनके सवालों के जवाब देना पसंद है।

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