मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड January 16, 2025, 09:56 IST
सारांश
Hindenburg Research: साल 2017 में बना हिंडनबर्ग रिसर्च कई अरबपतियों के खिलाफ रिपोर्ट छाप चुका था। उसकी खबरों से लोगों को जेल तक हुई है। भारत में SEBI चीफ के खिलाफ भी लगाए थे आरोप।
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अडानी ग्रुप पर लगाया था स्टॉक से छेड़छाड़ का आरोप
भारत के अरबपति बिजनेसमैन गौतम अडानी और उनके अडानी ग्रुप पर स्टॉक्स में छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाले हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) पर ताला लगने जा रहा है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर के संस्थापक नेट ऐंडरसन ने इसका ऐलान कर दिया है। इसके बाद अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर्स में तेज उछाल देखी जा रही है। सुबह 9:55 पर Adani Green Energy के शेयर्स 4.48%, Adani Ports के 3.43% की बढ़त के साथ ट्रेड कर रहे थे।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि अडानी ग्रुप कई साल से स्टॉक्स में छेड़छाड़ कर रहा है और अकाउंट की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा है। जनवरी 2023 में आई इस रिपोर्ट के बाद निवेशकों को अडानी ग्रुप की 10 कंपनियों में करीब ₹7,00,000 करोड़ का घाटा हुआ था।
इसके बाद अगस्त 2024 में एक बार फिर संस्थान ने आरोप लगाया कि अडानी ग्रुप की विदेशी कंपनियों से सिक्यॉरिटीज एक्सचेंज ऐंड बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के फंड भी जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इसी के चलते बोर्ड ने अडानी के खिलाफ सही से जांच नहीं की। हालांकि, बुच ने इन आरोपों का खंडन किया था।
कंपनी के संस्थापक नेट ऐंडरसन का कहना है कि हिंडनबर्ग को बंद करने के पीछे कोई एक कारण नहीं था। 'कोई एक खतरा, कोई सेहत से जुड़ा मुद्दा या निजी कारण नहीं था।' उनका कहना है कि जिस तीव्रता के साथ उन्होंने हिंडनबर्ग में अपना ध्यान लगाया था, उससे बाकी दुनिया और उनके करीबी उनसे छूटे जा रहे थे। उन्होंने कहा है कि हिंडनबर्ग उनके जीवन का एक चैप्टर था, केंद्रीय बिंदु नहीं जो उन्हें परिभाषित करे।
ऐंडरसन ने हिंडनबर्ग की स्थापना 2017 में की थी। यह एक शॉर्ट सेलर और रिसर्च हाउस था। संस्थान जिन कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट छापता था, उनके खिलाफ बेट लगाता था। ऐसे में बाजार के गिरने से संस्थान को फायदा होता था।
शॉर्ट सेलिंग में इस उम्मीद के साथ स्टॉक लिए जाते हैं कि इनकी कीमत गिरेगी। कीमत गिरने के बाद इन्हें खरीदा जाता है और इसका अंतर ट्रेडर के लिए प्रॉफिट लाता है। हालांकि, अगर स्टॉक की कीमत चढ़ जाती है तो और भी ज्यादा नुकसान होता है।
स्थापना के बाद से कई लोगों के खिलाफ यह रिपोर्टिंग कर चुका है। सबसे पहले इसने साल 2020 में वीइकल स्टार्टअप निकोला के खिलाफ अपनी पहली हाई-प्रोफाइल रिपोर्ट छापी थी।
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि एक वीडियो में कंपनी ने अपने सेमी-ट्रक की ऑटोमैटिक क्षमता को लेकर फर्जी दावा किया था। इसे कंपनी ने मान भी लिया था और उसके संस्थापक ट्रेवर मिल्टन को 4 साल जेल की सजा हो गई थी।
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