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3 min read | अपडेटेड February 19, 2025, 12:55 IST
सारांश
Defence stocks: जिन शेयरों में आज के कारोबार में सबसे ज्यादा खरीदारी देखी गई, उनमें Zen Tech, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), DCX Systems और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock) के शेयर शामिल हैं।
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Defence stocks: Zen Technologies के शेयरों में आज 10 फीसदी का अपर सर्किट लग गया।
जिन शेयरों में आज के कारोबार में सबसे ज्यादा खरीदारी देखी गई, उनमें Zen Technologies, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), DCX Systems और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock) के शेयर शामिल हैं।
Zen Technologies के शेयरों में आज 10 फीसदी का अपर सर्किट लग गया। यह इस समय 1,069.20 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। इसके अलावा, GRSE में 9.82 फीसदी और Mazagon Dock में 8.83 फीसदी की तेजी देखी गई।
DCX Systems और DATAPATTNS के शेयर डेटा पैटर्न इंडिया के शेयर करीब 8 फीसदी की बढ़त के साथ ट्रेड कर रहे हैं। Cochin Shipyard के शेयरों में भी 7 फीसदी से ज्यादा की रैली देखने को मिली है। बता दें कि इस शेयर में पिछले सात महीनों में लगभग 60 फीसदी की गिरावट आई है।
रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि विदेशी निवेश (FDI) पॉलिसी में छूट और औद्योगिक लाइसेंस प्रक्रिया में सुधार से रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने घोषणा की कि 6.21 ट्रिलियन रुपये का मौजूदा रक्षा बजट 2025-26 में 9.5 फीसदी बढ़कर 6.81 ट्रिलियन रुपये हो जाएगा। उन्होंने अगले दस वर्षों में हर साल $30 अरब खर्च करने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि भारतीय रक्षा बलों का आधुनिकीकरण किया जा सके।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में ऑर्डर फ्लो में तेजी से बढ़ोतरी होगी, क्योंकि डिफेंस कैपिटल एक्सपेंडिचर चालू वित्त वर्ष में पूरा किया जाना है। घरेलू कंपनियों को आवंटन वर्तमान में बजट के कुल डिफेंस एक्सपेंडिचर का 75% है। भारतीय नौसेना का बजट वित्तीय वर्ष 2025 के बजट अनुमानों में पिछले वर्ष की तुलना में 18% बढ़ा है।
केंद्रीय बजट 2025 में डिफेंस सेक्टर को मजबूत करने के लिए सरकार ने कमिटमेंट दिखाया है। इसमें रक्षा मंत्रालय के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड आवंटन किया गया है, जो वित्त वर्ष 2025 से 9.53 फीसदी अधिक है। इसमें से ₹1.80 लाख करोड़ सशस्त्र बलों के लिए पूंजीगत बजट के तहत तय किया गया है, जिससे रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
FY26 के लिए डिफेंस कैपिटल खर्च ₹1.8 लाख करोड़ तय किया गया है, जो FY25 के रिवाइज्ड अनुमान से 13% अधिक है। सरकार ने यह भी स्वीकार किया है कि आधुनिक रक्षा उपकरणों की जरूरत को देखते हुए रक्षा बजट को और बढ़ाने की जरूरत है। इसमें लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, मिसाइल, युद्धपोत, पनडुब्बी, ड्रोन और टैंक शामिल हैं।
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