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3 min read | अपडेटेड April 16, 2025, 02:52 IST
सारांश
यूपीआई पर देश के करोड़ों लोगों का भरोसा है और रोजमर्रा की जिंदगी में छोटे से लेकर बड़े ट्रांजैक्शन तक लोगों की यूपीआई पर काफी ज्यादा निर्भरता रहती है, ऐसे में यूपीआई ठप्प होने पर करोड़ों लोगों पर इसका सीधा असर देखने को मिलता है।
यूपीआई में क्यों आ रही बार-बार दिक्कत?
UPI यानी कि यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के जरिए भारत के करोड़ों लोग रोजाना के छोटे-बड़े ट्रांजैक्शन करते हैं, लेकिन हाल के दिनों में तीन बार ऐसा हो चुका है, जब यूपीआई पूरी तरह बैठ गया और इससे ऐसे करोड़ों लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जो इस पेमेंट मेथड पर काफी ज्यादा निर्भर रहते हैं। यूपीआई ट्रांजैक्शन की देखरेख करने वाले NPCI यानी कि नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने इस समस्या के लिए कुछ बैंकों को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टनर बैंकों को भेजे गए एक मैसेज में, NPCI ने बताया कि 12 अप्रैल को, UPI ने कुछ बैंकों से ‘चेक ट्रांजैक्शन’ एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) का ज्यादा इस्तेमाल करने की रिक्वेस्ट में बड़ी तेजी देखी थी, और यही वजह थी कि कुछ समय के लिए UPI से ट्रांजैक्शन बिल्कुल ठप हो गया था।
NPCI के मुताबिक, उस दिन सुबह 11:40 बजे से शाम 4:40 बजे के बीच दो घंटे के लिए पेमेंट सक्सेस रेट लगभग 50% तक गिर गया और अगले तीन घंटों के लिए 80% के आसपास रहा। "चेक ट्रांजेक्शन" API का इस्तेमाल कुछ पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) बैंकों द्वारा ट्रांजैक्शन की स्थिति को वेरिफाई करने के लिए किया जाता है। ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 12 अप्रैल को, NPCI ने बताया कि ये बैंक बार-बार सिस्टम को रिक्वेस्ट से भर रहे थे, बिना जवाब का इंतजार किए, जिसमें पुराने ट्रांजैक्शन की रिक्वेस्ट भी शामिल थीं। इसी वजह से सिस्टम बैठ गया था।
NPCI ने मानक प्रोटोकॉल के मुताबिक कुछ साइटों को हटाकर इस दिक्कत को अलग करने की कोशिश की, हालांकि, उन्होंने माना कि इन कोशिशों से समस्या पूरी तरह से हल नहीं हुई, जिसके चलते सक्सेस रेट में केवल सीमित सुधार हुआ। इसने देश के कई प्रमुख पेमेंट प्लैटफॉर्म को प्रभावित किया, जिसमें Google Pay, PhonePe और Paytm के साथ-साथ अलग-अलग बैंकिंग ऐप शामिल हैं। यूजर्स ट्रांजैक्शन पूरा नहीं कर पा रहे थे और उन्हें बार-बार एरर मैसेज मिल रहे थे। लगभग 4:15 बजे, NPCI ने एक अस्थायी समाधान लागू किया जिसने 4:40 बजे तक सक्सेस रेट को सामान्य स्तर पर बहाल कर दिया। इसके अलावा, NPCI ने तत्काल समाधान के रूप में ‘चेक ट्रांजैक्शन’ सुविधा के इस्तेमाल को रोकने के लिए जिम्मेदार PSP बैंक से आग्रह किया।
आगे ऐसी दिक्कत ना हो, इसके लिए NPCI ने स्ट्रिक्ट रेट लिमिट्स लागू करने और बैंकों द्वारा UPI सिस्टम को API रिक्वेस्ट भेजने की फ्रीक्वेंसी पर एक कैप लागू करने का प्लान बनाया है। इस पहल का उद्देश्य भविष्य में ओवरलोड को रोकना और सही ढंग से संचालन सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, NPCI सभी PSP बैंकों को API उपयोग दिशा-निर्देशों को सुदृढ़ करेगा।
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