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  1. हम कभी बंदूक की नोक पर... US से टैरिफ बातचीत पर पीयूष गोयल ने क्या कुछ कह डाला

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हम कभी बंदूक की नोक पर... US से टैरिफ बातचीत पर पीयूष गोयल ने क्या कुछ कह डाला

Upstox

2 min read | अपडेटेड April 11, 2025, 11:04 IST

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सारांश

भारत और अमेरिका ने इस साल (सितंबर-अक्टूबर) तक समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा है। इस समझौते का मकसद 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना कर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।

भारत और अमेरिका

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर बातचीत जारी

मिनिस्टर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री यानी कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर अमेरिका के साथ बातचीत में सरकार, देश और जनता के हितों की रक्षा करेगी और जल्दबाजी में कोई भी कदम उठाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की सभी बिजनेस बातचीत ‘भारत पहले’ के दृष्टिकोण के साथ अच्छी तरह से आगे बढ़ रही हैं और ‘विकसित भारत 2047’ का मार्ग सुनिश्चित कर रही हैं।

भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के डेवलपमेंट के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, ‘हमने पहले भी कई बार कहा है कि हम बंदूक की नोक पर बात नहीं करते हैं। समयबद्ध तरीके से काम करना अच्छा है लेकिन जब बात देश हित और जनहित की हो तो तब किसी भी तरह की जल्दबाजी अच्छी नहीं होती।’ दोनों देशों ने इस साल (सितंबर-अक्टूबर) तक समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा है। इस समझौते का मकसद 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना कर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।

भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) व्यापार समझौते पर गोयल ने कहा कि व्यापार वार्ता तब आगे बढ़ती है जब दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं और आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील होते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं केवल इतना बता सकता हूं कि सभी बिजनेस बातचीत ‘भारत पहले’ के दृष्टिकोण और ‘विकसित भारत 2047’ के लिए मार्ग प्रशस्त करने हुए अच्छी तरह से आगे बढ़ रही हैं।’ गोयल ने कहा कि यूरोपीय संघ में बिजनेस को नॉन-टैरिफ बाधाओं के कारण कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस बीच, इटली-भारत व्यापार मंच में गोयल ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते को शीघ्रता से पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है जिससे दोनों पक्षों को आर्थिक संबंधों को गहरा करने में मदद मिल सके।

उन्होंने कहा कि भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप गलियारा (आईएमईसी) भारत और इटली को एक-दूसरे के और करीब आने का मौका देता है। उन्होंने कहा कि भारत और इटली के बीच निर्बाध व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता है। गोयल ने कहा, ‘दोनों पक्षों में निवेश को प्रोत्साहित करने, उद्योग जगत को बिना किसी बाधा के एक-दूसरे के साथ व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि इसमें 15 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर से बढ़ने की जबरदस्त क्षमता है।’

(भाषा इनपुट के साथ)

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