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US Tariffs on India: अमेरिकी टैरिफ के भारत पर असर को समझने में जुटी सरकार, मिलेगी राहत?

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 03, 2025, 08:00 IST

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सारांश

Trump Tariffs on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया है कि सरकार टैरिफ के भारत पर असर का आकलन कर रही है। माना जा रहा है कि टैरिफ का असर पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था पर ना होकर कुछ क्षेत्रों में सीमित रहेगा। ऐसी भी उम्मीद है कि बातचीत के जरिए टैरिफ को कम किया जा सकेगा।

दो चरणों में लागू हो सकते हैं अमेरिकी टैरिफ। (तस्वीर: Shutterstock)

दो चरणों में लागू हो सकते हैं अमेरिकी टैरिफ। (तस्वीर: Shutterstock)

Trump Tariff on India: अमेरिका के भारत पर 26% का जवाबी शुल्क (Reciprocal Tariff) लगाने के फैसले का भारत पर क्या असर होगा, इसका आकलन किया जा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन का मानना है कि अमेरिकी उत्पादों पर भारत बहुत ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी वसूलता है। ऐसे में अब देश के व्यापार घाटे को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

भारत पर टैरिफ के असर के बारे में सवाल किए जाने पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा है कि अमेरिका की शुल्क बढ़ोतरी और देश पर इसके प्रभाव का आकलन किया जा रहा है।

चौधरी ने PFRDA द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि ट्रंप के लिए यह अमेरिका को पहले रखने जैसा है.. लेकिन (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी भारत को पहले रखते हैं। भारत पर इसके प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसका आकलन जारी है।

इसके पहले पीटीआई-भाषा ने एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से जानकारी दी थी कि अमेरिका में सभी आयात पर एक समान 10% टैरिफ 5 अप्रैल से और बचा हुआ 16% टैरिफ 10 अप्रैल से लागू होगा। अधिकारी ने यह भी बताया था कि वाणिज्य मंत्रालय इन शुल्कों के प्रभाव का विश्लेषण कर रहा है।

इस कदम से अमेरिका को भारत के निर्यात पर असर पड़ने के आसार हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बेहतर स्थिति में है, जिन्हें हमसे अधिक शुल्क का सामना करना पड़ेगा।

राष्ट्रपति ट्रंप ने वैश्विक स्तर पर अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए उच्च शुल्कों का मुकाबला करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए लगभग 60 देशों पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है।

अधिकारी के मुताबिक अगर कोई देश अमेरिका की चिंताओं को सुलझाता है, तो डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन उस देश के खिलाफ टैरिफ में रियायत देने पर सोच सकते हैं।

गौरतलब है कि भारत पहले से ही अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। दोनों देश इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

ट्रंप ने बुधवार को वाइट हाउस के रोज गार्डन में टैरिफ की घोषणा करते हुए एक लिस्ट के जरिये यह भी दिखाया था कि अलग-अलग देश अमेरिका के उत्पादों पर कितना टैरिफ लगाते हैं।

इसमें भारत, चीन, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (EU) जैसे देश शामिल थे। ट्रंप की इस लिस्ट में इन देशों द्वारा अमेरिका पर लगाए जाने वाले शुल्क के साथ-साथ उनपर लगाए जाने वाले जवाबी शुल्क का भी जिक्र था।

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