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2 min read | अपडेटेड April 13, 2025, 20:47 IST
सारांश
टीसीएस सीईओ ने कहा कि वास्तव में, सालाना और क्रमिक दृष्टिकोण से मूल्य निर्धारण में मामूली वृद्धि हुई है। कृतिवासन ने 30 अरब डॉलर से अधिक के रेवेन्यू में कस्टमर्स के गैर-जरूरी खर्च की हिस्सेदारी का खुलासा नहीं किया।
TCS सीईओ ने बताया कैसे टैरिफ को लेकर सुधरेंगे हालात
इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी (आईटी) कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के सीईओ और मैनेजिंग डायरेशॉर्ट टर्म होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस समस्या का समाधान कुछ महीनों में निकल जाएगा। देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनी के प्रमुख ने पीटीआई को बताया कि कंपनी की 39 अरब डॉलर से अधिक की ऑर्डर बुक यह सुनिश्चित करेगी कि टीसीएस रेवेन्यू बुकिंग जारी रखेगी। जारी सौदों को ‘मजबूत’ बताते हुए कृतिवासन ने कहा कि मौजूदा स्थिति में जहां कुछ कस्टमर्स ने गैर-जरूरी खर्च करना बंद कर दिया है, उससे मूल्य निर्धारण पर कोई दबाव नहीं पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि वास्तव में, सालाना और क्रमिक दृष्टिकोण से मूल्य निर्धारण में मामूली वृद्धि हुई है। कृतिवासन ने 30 अरब डॉलर से अधिक के रेवेन्यू में कस्टमर्स के गैर-जरूरी खर्च की हिस्सेदारी का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के खर्च रेवेन्यू का एक अहम हिस्सा हैं, लेकिन इस तरह के रेवेन्यू पर असर पड़ने की मौजूदा प्रवृत्ति से वे बेफिक्र नज़र आए।
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह अनिश्चितता ज्यादा समय के लिए नहीं होगी। कुछ महीनों या कुछ और समय में, इसका समाधान हो जाएगा...।’ उन्होंने कहा कि मजबूत ऑर्डर बुक से रेवेन्यू के मोर्चे पर मदद मिलेगी। कृतिवासन ने कहा कि अगर कुल अनुबंध मूल्य या नए सौदों के रेवेन्यू बुकिंग में रूपांतरण में गिरावट आई है, तो इसमें कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसमें बदलाव आने में महीनों का समय लगेगा।
उन्होंने कहा कि एक बार जब अमेरिका में स्थिति हल हो जाती है, तो इससे कंपनी को उत्तरी अमेरिका के कारोबार में वृद्धि को फिर से शुरू करने में मदद मिलेगी, जिसका कुल रेवेन्यू में हिस्सा अब घटकर 48% रह गया है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में प्रगति का कंपनी के कारोबार पर सीधा असर नहीं पड़ेगा। कृतिवासन ने कहा कि उत्तरी अमेरिकी देश में लंबे समय से विकास की कमी से विभिन्न सेक्टर्स में कस्टमर्स के फैसले प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए कुछ कस्टमर्स लागत अनुकूलन उपायों पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आईटी विक्रेताओं से कीमतों को कम करना इस संबंध में ग्राहकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपायों में से एक है।
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