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3 min read | अपडेटेड December 12, 2024, 17:24 IST
सारांश
Retail Inflation based on Consumer Price Index: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के डेटा के मुताबिक, नवंबर में खाने-पीने की चीजों की मुद्रास्फीति अक्टूबर के 10.87% से घटकर 9.04% रह गई। वहीं, पिछले साल नवंबर 2023 में यह 8.70% थी।
सरकारी आंकड़ों में आया सामने, औद्योगिक उत्पादन भी गिरा
खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) नवंबर में घटकर 5.48% पर आ गई। यह अक्टूबर में 6.21% के स्तर पर थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index ) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति के बारे में ये आंकड़े सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Program Implementation) ने गुरुवार को जारी किए हैं।
खाने-पीने की चीजों, खासकर सब्जियों के दाम गिरने के चलते ये ट्रेंड देखा गया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistics Office) के डेटा के मुताबिक, नवंबर में खाने-पीने की चीजों की मुद्रास्फीति अक्टूबर के 10.87% से घटकर 9.04% रह गई। वहीं, पिछले साल नवंबर 2023 में यह 8.70% थी।
NSO ने बताया है कि नवंबर, 2024 में सब्जियों, दालों, चीनी और मिठाई के साथ-साथ फलों, अंडे, दूध, मसालों, ट्रांसपोर्ट और कम्यूनिकेशन जैसे उत्पादों की मुद्रास्फीति में काफी गिरावट आई है। हालांकि, लहसुन, आलू और गोभी की वजह से महंगाई बढ़ी रही। लहसुन के दाम पिछले साल की तुलना में 85.14% ज्यादा रहे।
वहीं, CPI बेस्ड कुल मुद्रास्फीति जुलाई-अगस्त के दौरान औसतन 3.6% से बढ़कर सितंबर में 5.5% और अक्टूबर, 2024 में 6.2% हो गई। यह सितंबर, 2023 के बाद से सबसे ज्यादा है।
सिर्फ शहरी इलाकों में कैलकुलेट की जाने वाली हाउसिंग मुद्रास्फीति नवंबर में 2.87% से मामूली रूप से बढ़ी। यह अक्टूबर में 2.81% थी।
औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) की ग्रोथ इस साल अक्टूबर में घटकर 3.5% रह गई। इसके पीछे बड़ी वजह खनन, बिजली और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स का खराब प्रदर्शन है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production) से नापा जाने वाला उत्पादन पिछले साल इसी महीने में 11.9% की दर से बढ़ा था।
NSO के डेटा के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का प्रोडक्शन अक्टूबर, 2024 में 4.1% बढ़ा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 10.6% की बढ़त हुई थी। अक्टूबर, 2024 में खनन उत्पादन में 0.9 % और बिजली उत्पादन में 2% की बढ़त हुई है। पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में औद्योगिक उत्पादन 7% बढ़ा था।
खुदरा मुद्रास्फीति के आधिकारिक आंकड़ों की घोषणा से पहले निवेशकों के सतर्क रुख से गुरुवार को स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट रही और SENSEX 236 अंक टूट गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का NIFTY50 भी 93 अंक नीचे आया।
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