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3 min read | अपडेटेड December 30, 2024, 16:29 IST
सारांश
Adani Enterprises Adani Wilmar में अपना पूरा हिस्सा बेच देगी। Wilmar International और ओपन मार्केट में कंपनी अपना हिस्सा बेचेगी।
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Adani Enterprises के पास है 44% हिस्सा
Adani Group ने सोमवार को ऐलान किया है कि वह Adani Wilmar में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच देगा। सिंगापुर की Wilmar International के साथ चल रही कन्ज्यूमर गुड्स कंपनी में अडानी ग्रुप का 44% हिस्सा है। इसे गौतम अडानी की अगुवाई वाला ग्रुप Wilmar International और ओपन मार्केट में $2 बिलियन से ज्यादा में बेच रहा है।
Adani Enterprises ने बयान में कहा कि वह 31.06% हिस्सेदारी Wilmar International को बेचेगा। इसके अलावा 13% हिस्सेदारी खुले बाजार में बिकेगी। हालांकि, कंपनी ने आधिकारिक तौर पर इस बारे में जानकारी नहीं दी है कि वह किस कीमत पर हिस्सेदारी बेच रही है। Adani Enterprises और Wilmar Adani Wilmar के संस्थापक शेयरधारक हैं।
यह डील 31 मार्च, 2025 से पहले पूरा होने की संभावना है। दोनों कंपनियां ट्रांजैक्शन पूरा होने के बाद या उसके पहले भी कंपनी का नाम Adani Wilmar से बदलने के लिए जरूरी कदम उठा सकती हैं। इसके अलावा Adani Enterprises की ओर से नॉमिनेट किए गए उच्चाधिकारी भी अपना पद छोड़ देंगे।
Adani Wilmar के प्रमोटर्स के पास कंपनी का 87.87% हिस्सा है। स्थानीय नियमों का पालन करने के लिए प्रमोटर्स के हिस्से को 75% तक लाया जाएगा।
अपनी हिस्सेदारी बेचने के बाद Adani Enterprises कैपिटल का इस्तेमाल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म में निवेश में करेगा। एनर्जी से लेकर ट्रांसपोर्ट तक, अलग-अलग जगहों पर इसे लगाया जाएगा।
इस ऐलान के बाद Adani Enterprises के शेयर्स करीब 7.65% तक बढ़ गए जबकि Adani Wilmar के शेयर्स 0.14% तक नीचे गिर गए। इस FMCG कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹42,824.41 करोड़ है। भारत के 30,600 ग्रामीण-शहरी इलाकों में इसकी मौजूदगी है और यह दुनियाभर के 30 से ज्यादा देशों में निर्यात भी करती है।
पिछले कुछ वक्त में Adani Group बाजार में काफी चर्चा का विषय रहा है। नवंबर में अमेरिका के एक कोर्ट ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी को रिश्वतखोरी के मामले में दोषी करार दिया था।
कोर्ट ने पाया था कि भारत में सबसे बड़े सोलर पावर प्रॉजेक्ट के लिए अडानी ग्रुप ने भारतीय अधिकारियों को ₹2,200 करोड़ तक की घूस दी थी। हालांकि, ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था।
इसके बाद एक ओर जहां फ्रांस के ग्रुप TotalEnergies ने कंपनी में निवेश न करने की बात कही थी, वहीं, अबु धाबी की International Holding Company ने ग्रुप का साथ दिया था और कहा था कि उसने निवेश को लेकर अपना इरादा नहीं बदला है।
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