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3 min read | अपडेटेड March 19, 2025, 09:21 IST
सारांश
EPFO इस बात से चिंतित है कि युवा सब्सक्राइबर्स अपना पूरा पीएफ का पैसा पहले ही निकाल लेते हैं। रिटायरमेंट सेविंग्स की आदत को बढ़ावा देने के लिए EPFO कुछ नई रणनीति के बारे में सोच रहा है।
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कर्मचारी भविष्य निधि ऑर्गेनाइजेशन यानी की एम्प्लॉईज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) के सामने एक अलग सा चैलेंज खड़ा हो गया है। युवा सब्सक्राइबर्स पीएफ का पूरा पैसा पहले ही निकाल रहे हैं और यह EPFO के लिए चिंता की बात हो गई है। EPF जैसी रिटायरमेंट सेविंग 8.25% ब्याज दे रही है। कंपाउंड इंटरेस्ट से ऐसे में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अच्छा-खासा रिटर्न मिल सकता है, लेकिन बहुत से सब्सक्राइबर्स पहले ही पूरा पीएफ का पैसा निकाल लेते हैं और अब EPFO इसको लेकर अलग रणनीति बनाने के बारे में सोच रहा है।
बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक अधिकारियों ने बताया, ‘कई मामलों में पाया गया है कि सब्सक्राइबर्स नौकरी बदलने के समय अपना पूरा पीएफ का पैसा निकाल लेते हैं। अपने पीएफ के पैसे को बनाए रखने से उन्हें न केवल रिटायरमेंट या अपने कामकाजी जीवन के दौरान घर बनाने या बच्चों की शादी जैसी जरूरतों के लिए तैयार होने में मदद मिलती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि पैसा जैसे-जैसे बढ़ेगा उस पर रिटर्न भी अच्छा मिलेगा।’ सूत्रों ने संकेत दिया कि ईपीएफओ खासकर युवा सब्सक्राइबर्स के बीच रिटायरमेंट सेविंग्स की आदत को बढ़ावा देने के लिए रणनीति तलाशने की कोशिश कर रहा है। मौजूदा ईपीएफ नियमों के तहत, कोई सदस्य रिटायरमेंट के बाद पूरा पीएफ का पैसा निकाल सकता है। हालांकि, नियम यह अनुमति देते हैं कि सदस्य एक महीने की बेरोजगारी के बाद पीएफ के पैसों का 75% और दो महीने की बेरोजगारी के बाद 100% पैसा निकाल सकते हैं।
हालांकि इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नौकरी छूटने या बेरोजगारी का सामना करने वाले कर्मचारी अपने पीएफ के पैसे का इस्तेमाल कर सकें, लेकिन अक्सर ईपीएफ कस्टमर्स नौकरी से इस्तीफा देने के बाद दो महीने के इंतजार के बाद अपना पूरा पैसा निकाल लेते हैं। अधिकारियों का मानना है कि ऐसे कई कारण हो सकते हैं, जिसके चलते लोग पीएफ का पूरा का पूरा पैसा निकाल लेते हैं, जैसे कि इक्विटी जैसे अन्य साधनों में इन्वेस्ट करना, जहां रिटर्न अधिक हो सकता है या पीएफ का पैसे का इस्तेमाल कुछ खरीदने के लिए करना।
एक सूत्र ने कहा, ‘कई बार, युवा लोगों को लगता है कि रिटायरमेंट के लिए बचत शुरू करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह कई साल दूर है। लेकिन अपने करियर की शुरुआत से ही बचत करके, रिटायर होने पर उनके पास अच्छी रकम होगी। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि प्राइवेट सेक्टर्स में ज्यादादर कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिलती है।’ आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, ईपीएफओ को 1 अप्रैल 2024 से इस साल 7 मार्च के बीच अंतिम पीएफ निपटान के लिए कुल 7.1 मिलियन दावे हासिल हुए। इसमें से इसने 55,133.52 करोड़ रुपये के 50 मिलियन दावों का निपटान किया गया। वित्त वर्ष 2015 से 7 मार्च 2025 तक पिछले 10 सालों के दौरान ईपीएफओ सदस्य खातों की संख्या 117 मिलियन से बढ़कर 325 मिलियन हो गई है।
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