return to news
  1. म्यूचुअल फंड में TREPS क्या होता है और म्यूचुअल फंड TREPS में क्यों इन्वेस्ट करता है

पर्सनल फाइनेंस

म्यूचुअल फंड में TREPS क्या होता है और म्यूचुअल फंड TREPS में क्यों इन्वेस्ट करता है

Upstox

7 min read | अपडेटेड October 26, 2024, 00:50 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट अगर आप करते हैं, तो आपके लिए यह भी जानना जरूरी है कि TREPS का क्या मतलब है, TREPS के फायदे क्या हैं और क्यों म्यूचुअल फंड TREPS में इन्वेस्ट करता है, इस तरह के आपके तमाम सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेंगे।

Mutual Funds

म्यूचुअल फंड्स क्यों करते हैं TREPS में इन्वेस्ट

ट्रेजरी बिल रिपरचेज़ (टीआरईपीएस) एक शॉर्ट टर्म मनी मार्केट है, जो इन्वेस्टर्स को उनके ऐसे कैश पर रिटर्न देता है, जो निष्क्रिय पड़ा होता है। इन्वेस्टमेंट करने के लिए म्यूचुअल फंड सबसे अच्छे साधनों में से एक माना जाता है। म्यूचुअल फंड TREPS में लंबे समय से इन्वेस्ट कर रहा है, जिससे वह अपने इन्वेस्टर्स के लिए रिटर्न जनरेट कर सके। इस आर्टिकल में, हम उन कारणों की बात करेंगे कि म्यूचुअल फंड TREPS में इन्वेस्ट क्यों करते हैं और यह उनके शेयर की कीमत पर कैसे असर डालते हैं।

TREPS क्या है

TREPS एक फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट है, जिसका उपयोग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स, बैंकों और म्यूचुअल फंड्स द्वारा शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए किया जाता है। TREPS ट्रांजैक्शन में, एक पार्टी दूसरी पार्टी को ट्रेजरी बिल इस शर्त के साथ बेचता है कि वह इसे बाद की तारीख में सहमत रेट पर वापस खरीदेगा। इसे एक सुरक्षित इन्वेस्टमेंट माना जाता है क्योंकि इसमें सरकार द्वारा जारी सिक्योरिटीज़ की खरीद शामिल होती है। TREPS बढ़िया रिटर्न और क्विक लिक्विडिटी देते हैं, ये बात शॉर्ट-टर्म गोल रखने वाले इन्वेस्टर्स के लिए इसे आइडियल बनाता है। इसके अलावा, सेबी ने म्यूचुअल फंड्स के लिए TREPS सहित लिक्विड एसेट्स में अपने एसेट्स का कम से कम 5 परसेंट इन्वेस्ट करना अनिवार्य कर दिया है। ** क्यों म्यूचुअल फंड TREPS में इन्वेस्ट करते हैं**

म्यूचुअल फंड सिक्योरिटी,लिक्विडिटी, बढ़िया रिटर्न और रेगुलेटरी कंप्लायंस जैसे कई कारणों से TREPS में इन्वेस्ट करते हैं। TREPS को एक सिक्योर इन्वेस्टमेंट माना जाता है क्योंकि इसमें सरकार द्वारा जारी सिक्योरिटीज़ की खरीद शामिल होती है। म्यूचुअल फंड अपने इन्वेस्टमेंट में फुल कॉन्फिडेंस के साथ TREPS में इन्वेस्ट कर सकते हैं। इसके अलावा, TREPS क्विक लिक्विडिटी देता है, जो उन्हें म्यूचुअल फंड्स के लिए एक आइडियल इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बनाता है, जिन्हें शॉर्ट टर्म के लिए अपने निष्क्रिय पैसे को पार्क करने की जरूरत होती है। सिक्योरिटी और लिक्विडिटी के अलावा, म्यूचुअल फंड TREPS में इन्वेस्ट करते हैं क्योंकि वे सेविंग अकाउंट्स या फिक्स्ड डिपॉज़िट जैसे अन्य शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन्स की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं। TREPS पर रिटर्न मौजूदा मार्केट कंडीशन्स से निर्धारित होता है, जिसका मतलब है कि इंटरेस्ट रेट अधिक होने पर वे अधिक रिटर्न दे सकते हैं। यह म्यूचुअल फंड के लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे उन्हें अपने निष्क्रिय पैसे पर अधिक रिटर्न मिल जाता है। म्यूचुअल फंड द्वारा TREPS में इन्वेस्ट करने का एक अन्य कारण रेगुलेटरी कंप्लायंस है। सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी), जो म्यूचुअल फंड को कंट्रोल करता है, ने अनिवार्य किया है कि म्यूचुअल फंड को अपने एसेट्स का कम से कम 5 परसेंट TREPS जैसे लिक्विड एसेट्स में इन्वेस्ट करना होगा। यह रेगुलेटरी कंप्लायंस म्यूचुअल फंड्स के लिए TREPS में इन्वेस्ट करना अनिवार्य बनाता है।

शेयर प्राइस पर इम्पैक्ट

म्यूचुअल फंड के शेयर प्राइस पर TREPS में इन्वेस्ट करने का असर अलग-अलग चीजों पर निर्भर करता है, जिसमें इन्वेस्टमेंट साइज, कितने समय के लिए इन्वेस्टमेंट करनी है, मौजूदा मार्केट कंडीशन और म्यूचुअल फंड का ओवरऑल पोर्टफोलियो मिक्स शामिल है। TREPS में इन्वेस्ट करने से म्यूचुअल फंड के शेयर की कीमत पर कई तरह से पॉजिटिव असर पड़ सकते हैं। सबसे पहले, TREPS में इन्वेस्ट करने से म्यूचुअल फंड के लिए हाई रिटर्न मिल सकता है, जिससे फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) बढ़ सकती है। म्यूचुअल फंड के शेयर की कीमत बढ़ सकती है, क्योंकि इन्वेस्टर्स हाई NAV के लिए प्रीमियम का भुगतान करने को तैयार हैं। दूसरी बात यह है कि, TREPS में इन्वेस्ट करने से ओवरऑल पोर्टफोलियो के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। TREPS जैसे सिक्योर और लिक्विड इंस्ट्रुमेंट में इन्वेस्ट करके, म्यूचुअल फंड इक्विटी या कॉर्पोरेट बॉन्ड जैसे अन्य एसेट्स क्लासेज़ में इन्वेस्टमेंट से जुड़े जोखिम को कम कर सकते हैं। इससे ओवरऑल पोर्टफोलियो को स्टेबल करने और म्यूचुअल फंड के शेयर प्राइस पर मार्केट की अस्थिरता के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, TREPS में इन्वेस्ट करने से म्यूचुअल फंड के शेयर की कीमत पर भी असर पड़ सकता है। अगर TREPS में इन्वेस्टमेंट साइज और इन्वेस्टमेंट का टाइम पीरियड अहम है, तो इसका असर ओवरऑल पोर्टफोलियो के रिटर्न पर पड़ सकता है, ओवरऑल रिटर्न ऐसे में गिर सकता है। परिणामस्वरूप, अगर इन्वेस्टर्स को रिटर्न की संभावना कम लगती है तो म्यूचुअल फंड के शेयर की कीमत में गिरावट आ सकती है।

TREPS में इन्वेस्ट करने के फायदे

TREPS में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स को सिक्योरिटी, लिक्विडिटी, बढ़िया रिटर्न और रेगुलेटरी कंप्लायंस जैसे कई फायदे मिल सकते हैं। TREPS में इन्वेस्ट करने के बेस्ट फायदे चलिए आपको बताते हैं-

1- सेफ्टी: TREPS में सरकार द्वारा जारी सिक्योरिटीज़ की खरीद शामिल है, जिन्हें सिक्योर इन्वेस्टमेंट माना जाता है। यही वजह है कि, इन्वेस्टर्स अपनी इन्वेस्टमेंट की सिक्योरिटीज़ में हाइ लेवल के कॉन्फिडेंस के साथ TREPS में इन्वेस्ट कर सकते हैं।

2- लिक्विडिटी: TREPS क्विक लिक्विडिटी देते हैं, जिसका मतलब है कि उन्हें मनी मार्केट में आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। यह उन इन्वेस्टर्स के लिए एक आइडियल इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है, जिन्हें शॉर्ट टर्म के लिए अपने बेकार पड़े पैसे को पार्क करने की जरूरत होती है।

3- बढ़िया रिटर्न: TREPS पर रिटर्न मौजूदा मार्केट कंडीशन्स से निर्धारित होता है, जिसका मतलब है कि इंटरेस्ट रेट अधिक होने पर वे अधिक रिटर्न दे सकते हैं। यही वजह है कि इन्वेस्टर्स TREPS में इन्वेस्ट करके अपने बेकार पड़े पैसे पर अधिक रिटर्न हासिल कर सकते हैं।

4- रेगुलेटरी कंप्लायंस: TREPS को लिक्विड एसेट माना जाता है, और यही वजह है कि उन्हें SEBI जैसे रेगुलेटरी कंप्लांयस द्वारा म्यूचुअल फंड के लिक्विड एसेट मिक्स में शामिल करना जरूरी है। यही वजब है कि इन्वेस्टर्स निश्चिंत हो सकते हैं कि उनकी म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट रेगुलेटरी गाइडलाइन्स के तहत आती है।

5- डाइवर्सिफिकेशन: TREPS में इन्वेस्ट कर इन्वेस्टर्स एक सेफ और लिक्विड इन्वेस्टमेंट जोड़कर अपने पोर्टफोलियो में विविधता ला सकते हैं। इससे पोर्टफोलियो के ओवरऑल जोखिम को कम करने और मार्केट की अस्थिरता के समय में स्टेबिलिटी देने में मदद मिल सकती है।

निष्कर्ष TREPS अपनी सेफ्टी, लिक्विडिटी और बेहतर रिटर्न के कारण म्यूचुअल फंड के लिए एक बढ़िया जाना-माना शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। रेगुलेटरी कंप्लायंस म्यूचुअल फंड के लिए TREPS में इन्वेस्ट करना भी अनिवार्य बनाता है। TREPS से पाया गया रिटर्न म्यूचुअल फंड के NAV में जुड़ जाता है, जिसका शेयर की कीमत पर पॉजिटिव असर पड़ सकता है। एक इन्वेस्टर के रूप में, आप जिस म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के बारे में सोच रहे हैं, उस पर TREPS इन्वेस्टमेंट के असर को समझना जरूरी है, साथ ही किसी भी इन्वेस्टमेंट से जुड़े जोखिम को भी।

FAQs

TREPS में इन्वेस्ट करने के फायदे क्या हैं? TREPS में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स को सिक्योरिटी, लिक्विडिटी, बढ़िया रिटर्न और रेगुलेटरी कंप्लायंस जैसे कई फायदे मिल सकते हैं।
क्यों म्यूचुअल फंड TREPS में इन्वेस्ट करते हैं? म्यूचुअल फंड सिक्योरिटी,लिक्विडिटी, बढ़िया रिटर्न और रेगुलेटरी कंप्लायंस जैसे कई कारणों से TREPS में इन्वेस्ट करते हैं। TREPS को एक सिक्योर इन्वेस्टमेंट माना जाता है क्योंकि इसमें सरकार द्वारा जारी सिक्योरिटीज़ की खरीद शामिल होती है। म्यूचुअल फंड अपने इन्वेस्टमेंट में फुल कॉन्फिडेंस के साथ TREPS में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
TREPS का मतलब क्या है? TREPS एक फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट है, जिसका उपयोग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स, बैंकों और म्यूचुअल फंड्स द्वारा शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए किया जाता है। TREPS ट्रांजैक्शन में, एक पार्टी दूसरी पार्टी को ट्रेजरी बिल इस शर्त के साथ बेचता है कि वह इसे बाद की तारीख में सहमत रेट पर वापस खरीदेगा।

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

अगला लेख