पर्सनल फाइनेंस
3 min read | अपडेटेड January 18, 2025, 14:14 IST
सारांश
Income Tax Bill: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले कहा था कि 6 महीने में मौजूदा कानून को रिव्यू किया जाएगा। फिलहाल प्रक्रिया जटिल होने से करदाताओं को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है और कानून को समझने में दिक्कत होती है।
मौजूदा आयकर कानून में 298 धाराएं और 23 अध्याय हैं
बजट 2025 पेश होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में इस बात को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं कि केंद्र सरकार आयकर कानून में बदलाव कर सकती है। दरअसल, वित्त मंत्रालय ने पहले भी इसे लेकर जोर दिया है कि आयकर कानून को सरल बनाना इसे लागू करने के लिए बेहद अहम है।
अब सूत्रों का दावा है कि सरकार संसद के आगामी बजट सत्र में एक नया आयकर विधेयक (income tax bill) पेश कर सकती है। इसका मकसद मौजूदा कानून को आसान बनाना, उसे समझने लायक बनाना और करीब 60% छोटा करना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई के बजट में छह महीने के अंदर 60 साल पुराने आयकर कानून, 1961 के रिव्यू का ऐलान किया था। पीटीआई की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि नया आयकर कानून संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि यह पूरी तरह एक नया कानून होगा, न कि मौजूदा कानून में संशोधन।
बताया गया है कि फिलहाल कानून के मसौदे पर विधि मंत्रालय विचार कर रहा है और बजट सत्र के दूसरे भाग में इसे संसद में पेश किया जा सकता है। आपको बता दें कि बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक चलेगा।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। इस दिन स्टॉक एक्सचेंज NSE और BSE भी खुलेंगे रहेंगे और सामान्य कारोबार चलेगा। यह फैसला बजट के फैसलों पर निवेशकों की प्रतिक्रिया को रियल टाइम में देखने के लिए किया गया है।
आयकर कानून, 1961 की व्यापक समीक्षा के लिए सीतारमण द्वारा बजट घोषणा के बाद सीबीडीटी ने समीक्षा की देखरेख करने और कानून को छोटा, साफ और समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था। इसका लक्ष्य विवाद, मुकदमेबाजी कम करना और करदाताओं को अधिक कर निश्चितता देना है।
इसके अलावा, कानून के अलग-अलग पहलुओं की समीक्षा के लिए 22 विशेष उप-समितियां स्थापित की गई हैं। इनके अलावा आयकर विभाग को कानून की समीक्षा के लिए 6,500 सुझाव मिले हैं।
सूत्रों के मुताबिक पर्सनल इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स जैसे प्रत्यक्ष करों के अलावा उपहार और संपत्ति कर के अधिरोपण से संबंधित आयकर कानून, 1961 में वर्तमान में लगभग 298 धाराएं और 23 अध्याय हैं और प्रयास है कि इसमें लगभग 60% की कटौती की जाए।
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