पर्सनल फाइनेंस
3 min read | अपडेटेड January 10, 2025, 07:46 IST
सारांश
Senior Citizen Savings Scheme: इस योजना के तहत ₹1.5 लाख तक डिपॉजिट को टैक्स में छूट मिल जाती है जबकि ब्याज से होने वाली आमदनी पर भी ₹50 हजार के डिडक्शन की इजाजत है।
इस योजना में मिलता है दूसरों के मुकाबले ज्यादा ब्याज
नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत सरकार ने कई डिडक्शन खत्म कर दिए हैं जो पहले टैक्स में राहत के लिए दिए जा रहे थे। इनमें से एक है वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Savings Scheme, SCSS)। यह 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के बीच काफी खास रही है और पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) चुनने पर अभी भी इससे टैक्स में छूट के फायदे लिए जा सकते हैं।
SCSS के अंदर निवेश पर दो तरह से टैक्स लगता है। एक तो डिपॉजिट पर और दूसरा, इस पर मिलने वाले ब्याज पर। यहां आपको बताते हैं इनसे जुड़ी अहम बातें-
नई टैक्स व्यवस्था के अंदर SCSS अकाउंट्स में किए गए डिपॉजिट पर टैक्स से कोई छूट नहीं मिलती है। हालांकि, पुरानी टैक्स व्यवस्था चुनने पर वरिष्ठ नागरिक डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसके तहत आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 80सीसी के तहत ₹1.5 लाख तक के डिपॉजिट पर छूट मिल सकती है।
इस अकाउंट में वरिष्ठ नागरिक एक बार में ₹30 लाख तक डिपॉजिट कर सकते हैं। इसे ऐसे समझते हैं- अगर कोई वरिष्ठ नागरिक अपने SCSS अकाउंट में अप्रैल, 2024 तक ₹5 लाख निवेश करते हैं तो वह असेसमेंट वर्ष 2025-26 का आयकर रिटर्न फाइल करते वक्त ₹1.5 लाख का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
हालांकि, बचे हुए अमाउंट पर डिडक्शन इस साल या अगले साल नहीं क्लेम किया जा सकता। इसके अलावा ₹1.5 लाख डिडक्शन सिर्फ तभी क्लेम किया जा सकता है अगर दूसरी टैक्स सेविंग योजनाओं में सेक्शन 80सी के तहत सीमा को पूरा नहीं किया जा चुका है।
SCSS अकाउंट पर हर तिमाही में ब्याज लगता है। ब्याज से हो रही आमदनी पर भी टैक्स लगता है। हालांकि, पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत इस पर ₹50,000 तक डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। आयकर कानून के सेक्शन 80टीटीबी के तहत वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों और पोस्ट ऑफिस में किए गए डिपॉजिट्स से आने वाली आमदनी पर ₹50,000 तक की छूट होती है। इसमें SCSS अकाउंट्स भी कवर होते हैं।
अगर किसी वरिष्ट नागरिक ने अपने SCSS अकाउंट में 5 साल तक ₹10 लाख निवेश किया है तो 8.2% की ब्याज दर के साथ ब्याज से आमदनी ₹4.1 लाख हो जाएगी। इसमें सालाना इंटरेस्ट पेआउट ₹82,000 का बनेगा। पुरानी टैक्स व्यस्था के अंदर सेक्शन 80टीटीबी के तहत इसमें से ₹50,000 का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है जबकि बाकी की राशि पर टैक्स लगेगा।
निवेश राशि (₹) | 5 साल में ब्याज आय (₹) | 1 साल में ब्याज आय (₹) | 1 साल में कर योग्य ब्याज आय (₹) |
---|---|---|---|
1,00,000 | 41,000 | 8,200 | 0 |
2,00,000 | 82,000 | 16,400 | 0 |
3,00,000 | 1,23,000 | 24,600 | 0 |
4,00,000 | 1,64,000 | 32,800 | 0 |
5,00,000 | 2,05,000 | 41,000 | 0 |
6,00,000 | 2,46,000 | 49,200 | 0 |
7,00,000 | 2,87,000 | 57,400 | 7,400 |
8,00,000 | 3,28,000 | 65,600 | 15,600 |
9,00,000 | 3,69,000 | 73,800 | 23,800 |
10,00,000 | 4,10,000 | 82,000 | 32,000 |
15,00,000 | 6,15,000 | 1,23,000 | 73,000 |
30,00,000 | 12,30,000 | 2,46,000 | 1,96,000 |
लेखकों के बारे में
अगला लेख