पर्सनल फाइनेंस
3 min read | अपडेटेड March 26, 2025, 02:58 IST
सारांश
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और भत्तों के लिए गठित किए जाने वाले 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस पर फैसला जल्द होने की उम्मीद है। सरकार की ओर से इस बारे में राज्यसभा में एक सवाल का जवाब भी दिया गया है। माना जा रहा है कि इस महीने या अगले महीने की शुरुआत में आयोग का गठन हो सकता है और अगले साल मार्च में ही इसकी रिपोर्ट लागू भी हो सकती है।
महीने के आखिरी में हुआ 8वें वेतन आयोग का गठन तो अगले साल इसी समय लागू हो सकती है रिपोर्ट।
मनीकंट्रोल ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से दावा किया है कि अगले महीने कैबिनेट को इस बारे में नोटिफिकेशन भेजा जा सकता है। अप्रूवल मिलने पर अप्रैल से ही आयोग अपना काम शुरू कर देगा। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय कुछ सुझावों का इंतजार कर रहा है।
इस महीने या अगले महीने की शुरुआत में इन्हें कैबिनेट के अप्रूवल के लिए भेज दिया जाएगा और क्लियरेंस मिलने पर नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर इस महीने अप्रूवल मिलने पर अगले साल मार्च तक रिपोर्ट जमा हो सकती है।
वहीं, राज्यसभा में 8वें वेतन आयोग के गठन पर सवाल के जवाब में केंद्रीय राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने दोहराया है कि सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन का फैसला कर लिया है। शंभू शरण पटेल, मदन राठौड़ और किरण चौधरी ने अपने सवाल में इससे जुड़ी डीटेल्स भी मांगी थीं। हालांकि, राज्यमंत्री ने ज्यादा जानकारी नहीं दी है।
उन्होंने बताया है कि केंद्र सरकार के सिविल्यन कर्मचारियों की संख्या 1 मार्च 2025 तक 36.57 लाख थी और पेंशनधारकों/पारिवारिक पेंशनधारकों की संख्या 31 दिसंबर 2024 तक 33.91 लाख थी। इन्हें और डिफेंस कर्मियों-पेंशनधारकों को 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट में दिए गए प्रस्तावों से फायदा होगा।
इसके पहले फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि अगले महीने 8वें वेतन आयोग के सदस्यों के नामों का ऐलान किया जा सकता है। पहले के आयोगों को अपनी रिपोर्ट जमा करने में एक साल से ज्यादा का वक्त लगा है।
इस बार अभी तक इससे जुड़ी डीटेल्स का ऐलान नहीं किया गया है। ऐसे में इसकी रिपोर्ट का अगले साल से लागू होने मुश्किल है।
टर्म्स ऑफ रेफरेंस को लेकर केंद्र सरकार को अलग-अलग मंत्रालयों से लेकर कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की ओर से सुझाव दिए गए हैं। वित्त मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और राज्यों से सुझाव मांगे हैं।
नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी ने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस में मौजूदा भुगतान ढांचे, अलाउएंस और दूसरे भत्तों/फसिलिटीज, रिटायरमेंट बेनिफिट्स जैसे पेंशन/ग्रैच्युटी को रिव्यू करने का प्रावधान होना चाहिए।
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