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3 min read | अपडेटेड April 04, 2025, 11:32 IST
सारांश
Pension Payment: भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी कर्मचारियों की पेंशन से जुड़ीं सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। केंद्रीय बैंक ने बताया है कि पेंशनधारक भुगतान में देरी, साइन-अंगूठे की छाप ना देने पाने की स्थिति और कर्मचारी के निधन की स्थिति में क्या कर सकते हैं जिससे उन्हें परेशानी ना उठानी पड़े। इसके लिए बैंकों के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
बुजुर्ग, बीमार, दिव्यांग पेशनधारकों की सुविधा के लिए भी की गई गई तैयारी।
केंद्र और राज्य की सरकारों द्वारा चलाई जा रहीं पेंशन योजनाओं के भुगतान को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ जरूरी पहलुओं को विस्तार से समझाया है। रिटायर हो चुके सरकारी कर्मचारियों की पेंशन, बढ़े हुए डियरनेस रिलीफ और दूसरे भत्तों का भुगतान योजनाओं के नियमों-निर्देशों के आधार पर किया जाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने जिन अहम जानकारियों को विस्तार से साझा किया है, यहां उन पर एक नजर डालते हैं-
पेंशन का भुगतान करने वाले बैंक इसके लिए जिम्मेदार अथॉरिटी के निर्देश के आधार पर पेंशनधारकों को भुगतान करते हैं।
ज्यादा पेंशन मिलने पर एजेंसी बैंक अथॉरिटी से संपर्क करती हैं और फिर इस राशि की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू होती है। अगर बैंक की गलती से ऐसा हुआ हो तो बैंक को फौरन इसे सरकार को लौटाना होता है और पेंशनधारक से रिकवरी का इंतजार नहीं करना होता।
अगर कोई पेंशनधारक दस्तखत या अंगूठे का निशान नहीं लगा सकता, तो उसके लिए भी प्रावधान हैं। बुजुर्ग, बीमार, दिव्यांग जैसे पेंशनधारकों को बैंक को पहले श्रेणी में रखना होता है। जैसे पेंशनधारक बीमार हैं और बैंक नहीं आ सकते, ना चेक साइन कर सकते हैं। या घर से भी निशान नहीं लगा सकते।
जहां ऐसी स्थिति हो, वहां बैंक के एक अधिकारी समेत दो गवाहों के सामने अंगूठे के निशान की पहचान होनी चाहिए। जहां पेंशनधारक बैंक नहीं आ सकते, वहां उनसे चेक या विदड्रॉअल फॉर्म पर निशान लगवाना होता है। इसके लिए भी बैंक के अधिकारी समेत दो गवाहों की जरूरत होती है।
इसमें बैंक को यह ध्यान रखना होगा कि अधिकारी उसी बैंक का हो और इन विशेष प्रावधानों के बारे में ब्रांच में नोटिस साफ होना चाहिए ताकि लोगों को अपने लिए दी गई सुविधाओं के बारे में जानकारी रहे।
पेंशन देने वाली एजेंसी बैंकों ने सरकार के निर्देशों के आधार पर डियरनेस रिलीफ में बदलाव किए हैं। इसके बाद पेंशन देने वाली शाखाओं को फौरन इसी के आधार पर भुगतान करने को कहा गया है।
पेंशन या एरियर के भुगतन में देरी होने पर पेंशन का भुगतान करने वाले बैंकों को देरी होने पर 8% सालाना की दर से मुआवजा देना होगा। इसके लिए पेंशनधारक को अलग से आवेदन नहीं देना होगा।
अगर केंद्र सरकार के पेंशनधारक का निधन हो जाता है और पीछे पति/पत्नी रह जाते हैं तो बैंक को दूसरा अकाउंट नहीं खुलवाना होगा। फैमिली पेंशन मौजूदा अकाउंट में ही आती रहेगी।
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