पर्सनल फाइनेंस
4 min read | अपडेटेड January 01, 2025, 12:24 IST
सारांश
PPF Interest Rates 2025: लंबे समय से सरकार ने पीपीएफ की ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। पीपीएफ कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न पाने का आसान तरीका है।
कई साल से सरकार ने नहीं बदला है इंटरेस्ट रेट
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund, PPF) की ब्याज दरों को सरकार ने कायम रखा है।वित्त मंत्रालय ने ऐलान किया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही- 1 जनवरी, 2025 से 31 मार्च, 2025 के बीच ब्याज दर 7.1% ही रहेगी। पीपीएफ के अलावा दूसरी छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Scheme) के ब्याज दर को भी बरकरार रखा गया है।
देश के करोड़ों लोग टैक्स बचत करने के लिए और निवेश पर बिना जोखिम रिटर्न पाने के लिए पीपीएफ का सहारा लेते हैं। दिसंबर 2024 की भारतीय रिजर्व बैंक बुलेटिन के मुताबिक भारतीयों के कम से कम ₹10 लाख करोड़ की कीमत के ऐसेट पीपीएफ में मार्च 2024 तक लॉक थे। जून 2021 की तुलना में यह 39% ज्यादा था।
PPF को टैक्स में exempt-exempt-exempt (E-E-E) स्टेटस की छूट मिली हुई है। इसका मतलब है कि पीपीएफ में निवेश, रिटर्न और मच्योरिटी अमाउंट, तीनों पर टैक्स नहीं लगता। इसकी वजह से सबसे ज्यादा टैक्स ब्रैकेट में आने वाले लोगों के लिए यह ईल्ड को 7.1% से कहीं ज्यादा पहुंचा देता है।
इसके तहत सेक्शन 80सी के अंदर ₹1.5 लाख सालाना के डिपॉजिट पर डिडक्शन मिलता है। डिपॉजिट पर मिलने वाले इंटरेस्ट और मच्योरिटी के दौरान निकाले जाने वाले अमाउंट पर टैक्स नहीं लगता है। इसका सबसे बड़ा फायदा सरकार की गारंटी है जो डिपॉजिट्स को जोखिम से फ्री करती है।
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड नियम, 2019 के मुताबिक एक इंसान का सिर्फ एक ही पीपीएफ अकाउंट हो सकता है। यानी एक PAN (Permanent Account Number) पर एक ही पीपीएफ अकाउंट बनता है। इसमें एक साल में न्यूनतम ₹500 से लेकर अधिकतम ₹1.5 लाख जमा किए जा सकते हैं।
ये डिपॉजिट एक या कई इंस्टॉलमेंट में करने की आजादी अकाउंट होल्डर को होती है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखना होता है कि अधिकतम सीमा से ज्यादा डिपॉजिट ना हो। इसमें गौर करने की बात यह है कि नाबालिग बच्चों के अकाउंट में भी पीपीएफ की राशि जमा की जा सकती है लेकिन अकाउंट होल्डर और नाबालिग बच्चों का अकाउंट मिलाकर भी यह अधिकतम सीमा ₹1.5 लाख से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
वित्तीय वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में पीपीएफ की ब्याज दर 8% थी। FY20 की आखिरी तीन तिमाहियों में पीपीएफ डिपॉजिटर्स को 7.9% ब्याज दर का फायदा मिला। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2016-17 से लेकर 2018-19 के बीच पीपीएफ की ब्याज दरें 7.6% से 8.1% के बीच रहीं।
सबसे ज्यादा ब्याज दर वित्तीय वर्ष 2012-13 के दौरान 8.8% था। वहीं, FY13-FY16 के बीच डिपॉजिटर्स को 8.7% ब्याज दर का फायदा मिला।
वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही से लेकर 19 क्वॉर्टर्स बाद भी PPF योजनाओं की ब्याज दर 7.1% बनी हुई है। हालांकि, इस दौरान सरकार ने वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Savings Scheme, SCSS), सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana, SSY), राष्ट्रीय बचत सर्टिफिकेट (National Savings Certificates,NSC), पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना (Post Office Monthly Income Scheme, POMIS), पोस्ट ऑफिस आवर्ती जमा (Post Office Recurring Deposit), किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra, KVP) और पोस्ट ऑफिस टाइम्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में फेरबदल किया है।
लेखकों के बारे में
अगला लेख