पर्सनल फाइनेंस
3 min read | अपडेटेड February 17, 2025, 08:32 IST
सारांश
प्रॉविडेंट फंड की ब्याज दर पर पहले EPFO प्रस्ताव देता है जिसपर CBT फैसला करता है। इसके बाद इसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है।
EPFO ने FY24 मेंतोड़े हैं सेटल क्लेम करने के रेकॉर्ड।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees' Provident Fund Organisation, EPFO) की एक अहम बैठक 28 फरवरी को होने वाली है। EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (Central Board of Trustees, CBT) की इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर फैसले किए जा सकते हैं, जिनमें प्रॉविडेंट फंड डिपॉजिट (PF deposits) की ब्याज दर भी शामिल हैं।
माना जा रहा है कि इस बैठक में EPFO का CBT 2024-25 के लिए प्रॉविडेंट फंड की ब्याज दर तय कर सकता है। इकॉनमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्याज दर को करीब 8.25% पर बरकरार रखा जा सकता है।
EPFO ब्याज दर के लिए प्रस्ताव देता है जिसपर CBT की बैठक में चर्चा होती है और फिर रजामंदी मिलने वित्त मंत्रालय को भेजा जाता है। अगर मंत्रालय की ओर से हरी झंडी मिलती है तो संगठन के सदस्यों को इसकी जानकारी दी जाती है।
इसके पहले 30 नवंबर, 2024 को हुई EPFO के CBT की बैठक में ब्याज को लेकर एक बड़ा बदलाव किया गया था। पहले महीने की 24 तारीख तक सेटल होने वाले क्लेम पर ब्याज उसके पहले महीने तक के लिए मिलता था। इसमें बदलाव कर सेटलमेंट की तारीख तक ब्याज देने का प्रावधान किया गया।
वहीं, पहले ऐसे क्लेम जिन पर ब्याज लगना था, उन्हें महीने की 25 तारीख से लेकर आखिरी तारीख तक प्रोसेस नहीं किया जाता था। इसे भी बदल दिया गया ताकि क्लेम सेटलमेंट के लंबित मामलों को कम किया जा सके।
इसके पहले केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया था कि EPFO ने वित्त वर्ष में ₹2,05,932.49 करोड़ की कीमत के 5.08 करोड़ क्लेम सेटल किए हैं जो उसके इतिहास में सबसे ज्यादा है।
पिछले साल में संगठन ने कई बड़े बदलाव लाने पर काम किया है जो साल 2025 में लोगू हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने रेकॉर्ड क्लेम सेटल होने के लिए इन बदलावों को श्रेय दिया था। संगठन ने खुद सेटल होने जाने वाले क्लेम्स की सीमा और कैटिगिरी को बढ़ाया है।
इसके अलावा सदस्यों को अपनी प्रोफाइल अपडेट करने की आजादी दी गई है, PF ट्रांसफर को ऑटोमैटिक किया गया है। यही नहीं, नई व्यवस्था के तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि जमा करने के तीन दिन के अंदर क्लेम को सेटल कर दिया जाए।
इस वित्त वर्ष में ऑटो-क्लेम सेटलमेंट पिछले साल की तुलना में करीब दोगुना होकर 89.52 लाख से 1.87 करोड़ पर पहुंच गया।
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