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New Income Tax Bill 2025: 622 पन्नों का नया आयकर विधेयक कब होगा पेश, क्या बदलेगा?

rajeev-kumar

3 min read | अपडेटेड February 12, 2025, 13:27 IST

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सारांश

New Income Tax Bill: नया विधेयक 60 साल पुराने आयकर कानून, 1961 (Income Tax Act) की जगह लेगा। केंद्रीय कैबिनेट ने 7 फरवरी को इस बिल को मंजूरी दे दी थी।

कानून को सरल बनाने की कोशिश, पालन हो ज्यादा, मुकदमे कम।

कानून को सरल बनाने की कोशिश, पालन हो ज्यादा, मुकदमे कम।

देश में टैक्स से जुड़े कानून को समझने और पालन करने में आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार नया आयकर अधिनियम (New Income Tax Bill) लाने जा रही है। नया विधेयक 60 साल पुराने आयकर कानून, 1961 (Income Tax Act) की जगह लेगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गुरुवार, 13 फरवरी को आयकर विधेयक, 2025 लोक सभा में पेश किया जा सकता है।

केंद्रीय कैबिनेट ने 7 फरवरी को इस बिल को मंजूरी दे दी थी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अगले दिन बताया था कि इस हफ्ते इसे संसद के सामने रखा जा सकता है। रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि अगले साल अप्रैल से यह लागू हो सकता है।

क्या है नए आयकर कानून की जरूरत?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल के बजट में आयकर कानून की व्यापक समीक्षा की जरूरत बताई थी। उन्होंने 6 महीने के अंदर इसके रिव्यू का ऐलान किया था। वित्त मंत्री ने इस साल के बजट भाषण में बताया कि नया आयकर कानून छोटा, पढ़ने और समझने में आसान होगा। इसके जरिए मुकदमों और विवादों को कम करने की कोशिश की जाएगी। साथ ही टैक्स से जुड़े प्रावधानों को साफ किया जाएगा ताकि करदाता आसानी से टैक्स का आकलन कर सकें।

कैसा होगा नया कानून?

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 622 पन्नों के नए आयकर विधेयक में 536 सेक्शन, 23 चैप्टर हो सकते हैं। मौजूदा कानून में दिए गए ‘पिछले साल’ को नए विधेयक में ‘टैक्स इयर’ किया जा सकता है। यही नहीं, नए कानून में असेसमेंट इयर के कॉन्सेप्ट को पूरी तरह हटाया जा सकता है।

क्या-क्या बदलाव होंगे?

नए आयकर विधेयक को लेकर कई सवाल हैं। इनमें से एक यह भी है कि क्या यह नए टैक्स स्लैब्स भी लाएगा। वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय के मुताबिक नए आयकर कानून में आयकर दरों में बदलाव की संभावना नहीं है, क्योंकि यह आमतौर पर वित्त अधिनियम (Finance Bill) के जरिए किया जाता है।

भूटा शाह ऐंड कंपनी में पार्टनर हर्ष भूटा के मुताबिक नए आयकर बिल में कुछ इस तरह बदलाव लाए जा सकते हैं-

  • टैक्स रेजिडेंसी: मौजूदा आयकर कानून में किसी व्यक्ति को टैक्स रेजिडेंट मानने के लिए अलग-अलग शर्तें लागू की गई हैं जिससे कन्फ्यूजन की स्थिति बनी रहती है। नया बिल इसे लेकर स्थिति साफ कर सकता है।
  • आसान टैक्स प्रावधान: नए बिल में ऐसे प्रावधानों को हटाया जा सकता है जिन्हें खुद या जिनके मतलब को बार-बार दोहराया गया है, या जो अब पुराने हो गए हैं। इससे कानून को सरल और छोटा किया जाएगा।
  • ज्यादा पारदर्शिता: भाषा को साफ और सरल करने से लोगों को कानून बेहतर तरीके से समझ में आएगा जिससे पारदर्शिता भी बेहतर होगी।
  • मुकदमे घटेंगे: ईमानदार करदाताओं की परेशानी को कम करने के लिए किसी तरह का पालन ना किए जाने की स्थिति में जांच से जुड़े प्रावधानों को आसान किया जाएगा ताकि विवादों को कम किया जा सके।
  • आसान पालन: कानून की जटिलता को कम करके ज्यादा से ज्यादा करदाताओं को टैक्स भुगतान की ओर लाया जा सकेगा।
  • नए टैक्स नहीं: नए बिल में नए टैक्स नहीं लाए जाएंगे लेकिन टैक्स के पालन को बेहतर दिया जाएगा।
  • बजट पर निर्भरता नहीं: आयकर में राहत या बदलाव से जुड़े प्रावधानों के लिए हो सकता है कि अब बजट प्रस्ताव का इंतजार नहीं करना होगा, बल्कि सरकार कार्यकारी आदेश के जरिए ही बदलाव कर सकेगी।

लेखकों के बारे में

rajeev-kumar
Rajeev Kumar Upstox में डेप्युटी एडिटर हैं और पर्सनल फाइनेंस की स्टोरीज कवर करते हैं। पत्रकार के तौर पर 11 साल के करियर में उन्होंने इनकम टैक्स, म्यूचुअल फंड्स, क्रेडिट कार्ड्स, बीमा, बचत और पेंशन जैसे विषयों पर 2,000 से ज्यादा आर्टिकल लिखे हैं। वह 1% क्लब, द फाइनेंशल एक्सप्रेस, जी बिजेनस और हिंदुस्तान टाइम्स में काम कर चुके हैं। अपने काम के अलावा उन्हें लोगों से उनके पर्सनल फाइनेंस के सफर के बारे में बात करना और उनके सवालों के जवाब देना पसंद है।

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