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3 min read | अपडेटेड January 07, 2025, 13:18 IST
सारांश
Budget 2025-26: NAREDCO ने की हाउसिंग सेक्टर को इन्फ्रास्ट्रक्चर स्टेटस दिए जाने की मांग ताकि किफायती घरों का निर्माण तेजी से किया जा सके।
किफायती घरों की वृद्धि में आई है बेहद सुस्ती
बजट 2025-25 को लेकर इकॉनमी के अलग-अलग क्षेत्रों से सुझाव आ रहे हैं। इसी कड़ी में नेशनल रियल एस्टेट डिवेलपमेंट काउंसिल (NAREDCO) ने आवास ऋण (Housing Loan) के ब्याज भुगतान पर कटौती को ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने की वकालत की है। इसके साथ ही रियल एस्टेट निकाय ने बजट में हाउसिंग सेक्टर को इन्फ्रास्ट्रक्चर स्टेटस देने पर भी जोर दिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ चर्चा के लिए बजट से पहले बैठक में भाग लेने के बाद NAREDCO के चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि किफायती आवास खंड में कैपिटल की आवक बढ़ाने के लिए कोशिशें किए जाने की जरूरत है। इसके अलावा बैठक में ऊर्जा, शहरी विकास और सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को बढ़ावा देने के लिए कई सुझाव दिए गए।
इस बैठक में हीरानंदानी के अलावा जीएमआर समूह के बिजनेस चेयरमैन बीवीएन राव, एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एस परमसिवन और रीन्यू ग्रुप के चेयरमैन सुमंत सिन्हा समेत कई अन्य लोग शामिल हुए।
हीरानंदानी ने कहा की हाउसिंग लोन में मौजूदा कटौती (आयकर ऐक्ट के तहत) ₹2 लाख है, जो बहुत कम है। इसे बढ़ाकर कम से कम ₹5 लाख करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि हाउसिंग को इन्फ्रास्ट्रक्चर स्टेटस देने का सुझाव भी दिया गया है ताकि ज्यादा किफायती घरों के लिए कैपिटल उपलब्ध हो सके।
हीरानंदानी ने बताया कि उनके 40 साल के करियर में ऐसा पहली बार है जब किफायती घरों की वृद्धि निगेटिव चल रही है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए इनके निर्माण का प्रोत्साहन एक जरूरी मुद्दा है।
उन्होंने कहा कि हर किसी के पास खुद का घर नहीं होता और पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योगक्षेत्र के कर्मचारियों के लिए किराये के घर को प्रोत्साहन दिया था। उनके मुताबिक खुद के घर के अलावा किराये के घर उपलब्ध कराने की कोशिशें भी की जानी चाहिए।
बैठक में घरों की खरीद पर लगने वाले कैपिटल गेन्स टैक्स से जुड़े मुद्दों पर भी बात हुई। हीरानंदानी ने बताया कि कैपिटल गेन्स के मामले में, अगर मैं एक घर बेचता हूं और दो खरीदता हूं तो CGT से छूट मिलती है लेकिन अगर मेरे तीन बच्चे हैं और मैं तीन घर खरीदना चाहता हूं तो छूट नहीं मिलती है। इसे लेकर वित्त मंत्री को कमियां सुधारने के लिए सुझाव दिए गए हैं।
वहीं, Larsen & Toubro (L&T) के अप्रत्यक्ष करों के हेड गुरिंदर पाल सिंह ने बताया कि भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियां अब बहुराष्ट्रीय कंपनियां बन रही हैं। उन्होंने बताया कि बाहर काम करने से कंपनी की ज्यादा आमदनी आती है और इससे जुड़े मुद्दों पर मदद करने के लिए सरकार से सपॉर्ट मांगा गया है।
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