पर्सनल फाइनेंस
3 min read | अपडेटेड December 24, 2024, 15:12 IST
सारांश
Association of Mutual Funds in India (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में ₹9.14 लाख करोड़ का नेट फ्लो रहा। साथ ही निवेशकों की संख्या में 5.6 करोड़ की भारी बढ़त हुई है।
निवेशकों की संख्या में 5.6 करोड़ की भारी बढ़त हुई
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने 2023 में शानदार प्रदर्शन के बाद 2024 में अपनी ग्रोथ की स्पीड को बनाए रखा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक MFs ने संपत्ति में ₹17 लाख करोड़ का इजाफा दर्ज किया है। यह तेजी से बढ़ते शेयर बाजारों, मजबूत आर्थिक वृद्धि और निवेशकों की बढ़ती भागीदारी की वजह से मुमकिन हो सका है। एक्सर्ट्स का मानना है कि साल 2025 में भी ऐसे ही पॉजिटिव ट्रेंड्स देखने को मिलेंगे।
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री संघ (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में ₹9.14 लाख करोड़ का नेट फ्लो रहा। साथ ही निवेशकों की संख्या में 5.6 करोड़ की भारी बढ़त हुई है। SIP की भी लोकप्रियता बढ़ी है जिसने अकेले ₹2.4 लाख करोड़ का योगदान दिया है।
इस निवेश के साथ इंडस्ट्री की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (assets under management, AUM) बढ़कर नवंबर के आखिर तक ₹68 लाख करोड़ के रेकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गईं। इसके पहले साल 2023 के आखिर में यह ₹50.78 लाख करोड़ थीं। यानी इस साल इनें 33 % की ग्रोथ दर्ज की गई है।
इस इंडस्ट्री की 45 कंपनियों में 2024 (नवंबर तक) में कुल ₹9.14 लाख करोड़ का निवेश हुआ, जबकि पिछले साल ₹2.74 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हुआ था। यह भारी निवेश इक्विटी फंड, आर्बिट्रेज फंड और इंडेक्स फंड और विनिमय-व्यापार फंड (ETF) में निवेशकों की निरंतर रुचि के दम पर मुमकिन हो पाया।
वहीं, आर्थिक अनिश्चितताओं, जियोपॉलिटिकल टेंशन और टैक्स से जुड़े नियमों कराधान मानदंडों में बदलाव के बीच निवेशकों द्वारा सुरक्षा की तलाश में सोने में निवेश में भी तेजी आई और 9,500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में फंड रिसर्च मैनेजर कौस्तुभ बेलापुरकर का कहना है कि खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ती पहुंच के साथ, इक्विटी फंड में प्रवाह, विशेष रूप से व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के ऐसेट्स में ग्रोथ के मजबूत रहने की संभावना है।
Bajaj Finserv AMC के चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर (CEO) गणेश मोहन का कहना है कि वित्तीयकरण के बढ़ते ट्रेंड के चलते शेयर बाजारों और म्यूचुअल फंड में भागीदारी में भारी ग्रोथ देखी जा रही है।
उनके मुताबिक यह बदलाव भारतीय अर्थव्यवस्था के विस्तार और खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ती वित्तीय जागरूकता के बल पर हो सका है। इसके पीछे एक बड़ी वजह कम लागत और अधिक सुविधा के साथ उच्च ‘रिटर्न’ की तलाश है जो यहां आकर पूरी होती है।
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