पर्सनल फाइनेंस
2 min read | अपडेटेड December 19, 2024, 16:42 IST
सारांश
अगरForeign Income, Assets को डिस्क्लोज नहीं किया जाता है तो न सिर्फ इनकम टैक्स ऐक्ट बल्कि काला धन कानून (Black Money Act) के तहत पेनाल्टी या सजा भुगतनी पड़ सकती है।
नजदीक आ रही है रिवाइज्ड या विलंबित आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख
साल खत्म होने वाला है और दिसंबर के आखिरी हफ्तों में ये चेक कर लेना जरूरी है कि कोई अहम डेडलाइन हमसे मिस तो नहीं हो जा रही है। ऐसी ही एक डेडलाइन है आयकर रिटर्न (ITR) की। अगर आपने अपने ITR में विदेशी आमदनी और ऐसेट्स के बारे में जानकारी नहीं दी है, तो आपके लिए परेशानी हो सकती है।
भारत में रहने वाले ऐसे लोग जिनकी आमदनी विदेश से आती है या उनके ऐसेट्स वहां हैं, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न में इस बारे में जानकारी देनी होगी। इनमें विदेशी बैंक अकाउंट, इक्विटी, डेट इंटरेस्ट, बिजनेस इंटरेस्ट, अचल संपत्ति और दूसरे ऐसेट्स के साथ-साथ विदेशी इनकम जैसे ब्याज, डिविडेंड और कैपिटल गेन शामिल हैं।
अगर ITR बिना ये जानकारी साझा किए जमा किया जा चुका है तो एक रिवाइज्ड ITR 31 दिसंबर, 2024 तक फाइल करना होगा। करदाताओं को सुनिश्चित करना होगा कि इससे जुड़े दस्तावेज दिए जाएं।
अगर इन्हें डिस्क्लोज नहीं किया जाता है तो न सिर्फ इनकम टैक्स ऐक्ट बल्कि काला धन कानून (Black Money Act) के तहत पेनाल्टी या सजा भुगतनी पड़ सकती है। अगर अचल संपत्ति को छोड़कर विदेशी ऐसेट्स ₹20 लाख से ज्यादा के हों तो ₹10 लाख तक की पेनाल्टी देनी पड़ सकती है।
इनकम टैक्स विभाग ने इससे बचने के लिए और करदाताओं के प्रक्रियाओं को आसान करने के लिए गाइडलाइन जारी की है। रिवाइज किए हुए या विलंबित (Belated) रिटर्न्स 31 दिसंबर तक फाइल किए जा सकते हैं।
सबसे पहले अपनी विदेशी होल्डिंग्स जैसे बैंक अकाउंट, निवेश और आमदनी के स्रोत रिव्यू करें।
ITR-1, ITR-4 जैसे फॉर्म्स ना इस्तेमाल करते हुए ऐसे फॉर्म्स लें जिसमें संबधित शेड्यूल हो- जैसे FA, FSI, TR- शेड्यूल FA ऐसेट्स के लिए, FSI आय के लिए और TR अंतरराष्ट्रीय समझौतों के तहत टैक्स में राहत के लिए।
अपनी विदेशी आय और ऐसेट्स की डीटेल्स, जैसे अधिग्रहण की जानकारी, आय, विदेश में भरा गया टैक्स, जोड़कर सबमिट करें।
लेखकों के बारे में
अगला लेख