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3 min read | अपडेटेड January 08, 2025, 09:18 IST
सारांश
Union Budget 2025-26: जानकारों का मानना है कि टैक्स में कटौती करके खर्चों और सेविंग्स को बढ़ाने की कोशिश इस बजट में की जाएगी।
टैक्स कम होगा तो खर्च करने के लिए लोगों के पास रहेगी ज्यादा धनराशि
केंद्रीय बजट 2025 आने में एक महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में सबसे ज्यादा अटकलें निजी आयकर को लेकर लग रही हैं। कई संगठनों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण टैक्स में कटौती कर सकती हैं।
हाल ही में रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि आयकर में बड़ी कटौती से करदाताओं को राहत मिल सकती है। इसमें यहां तक दावा किया गया कि सरकार ₹15 लाख की सालाना आय वालों तक को आयकर में छूट दे सकती है।
जानकारों का मानना है कि टैक्स में कटौती करके खर्चों और सेविंग्स को बढ़ाने की कोशिश इस बजट में की जाएगी। कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री ने कहा है कि बजट 2025 को ₹20 लाख तक सालाना आय तक आयकर पर मार्जिनल टैक्स कम करना चाहिए। CII का मानना है कि इससे खर्चे बढ़ेंगे तो ग्रोथ और टैक्स से ज्यादा आमदनी बढ़ेगी।
वहीं, पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्री ने भी सुझाव दिया है कि बजट में टैक्स दरों को कम करके आसान टैक्स ढांचा बनाना चाहिए। इससे इनका पालन करने में लगने वाला खर्च बचेगा और खर्च करने के लिए उपलब्धि राशि ज्यादा रहेगी जिससे लोग अपनी जरूरतों पर ज्यादा खर्च करेंगे।
इससे व्यापार को बल मिलेगा और आर्थिक वृद्धि होगी। इससे महंगाई दर से जुड़ी चुनौतियों को भी कम किया जा सकेगा। PHDCCI ने यह भी सुझाव दिया है कि Securities Transaction Tax (STT) को भी खत्म कर देना चाहिए क्योंकि long-term capital gains (LTCG) टैक्स अब सभी ऐसेट्स का एक समान हो गया है। बजट 2024 में वित्त मंत्री ने इक्विटी शेयर्स पर LTCG को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (FICCI) ने सरकार से अपील की है कि टैक्स व्यवस्था को आसान किया जाएगा। इसने उम्मीद जताई है कि बजट TDS/TCS की अलग-अलग दरों को एक या दो टियर की व्यवस्था में बदलेगा। FICCI का कहना है कि बजट को ऐसे ट्रांजैक्शन्स पर TDS/TCS नहीं लगाना चाहिए जिनपर जीएसटी लगे।
इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ, टीवी मोहनदास पाई ने सुझाव दिया है कि सरकार को टैक्स स्लैब्स बढ़ा देनी चाहिए। उनके मुताबिक ₹5 लाख तक आमदनी पर कोई टैक्स नहीं होना चाहिए, ₹5-₹10 लाख आय पर 10%, ₹10-₹20 लाख आय पर 20% और ₹20 लाख से ऊपर 30% टैक्स लगना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा है कि सरचार्ज और सेस सिर्फ ₹50 लाख से ज्यादा आमदनी पर लगना चाहिए। 60 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर ₹7.5 लाख के बाद शुरू होना चाहिए और 70 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹10 लाख आमदनी के बाद कोई टैक्स नहीं होना चाहिए।
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