पर्सनल फाइनेंस
2 min read | अपडेटेड November 28, 2024, 17:11 IST
सारांश
ITR 2024-25: Income Tax Return फाइल करते वक्त कुछ चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसमें आय के स्रोतों, जैसे निवेश, बीमा कमीशन, पेंशन वगैरह के बारे में बताना अहम होता है।
हर दस्तावेज है अहम
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चुनौती भरा काम हो सकता है। खासकर तब जब आप बिना किसी एक्सपर्ट की मदद के ITR फाइल कर रहे हों। इसके लिए कई डेक्लरेशन और दस्तावेज अपलोड करने होते हैं। अगर आप आखिर तक इसका इंतजार करेंगे तो जल्दबाजी में को गलती हो सकती है जिसका खामियाजा आगे भुगतना पड़ सकता है।
आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से सेविंग्स और फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर टैक्स लग सकता है। हालांकि, व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार सालाना ₹10,000 का डिडक्शन हल साल सेक्शन 80TTA के तहत क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए आपको Form 15G या 15H जमा करना होगा। तब बैंक आपके इंटरेस्ट पर TDS (Tax deducted at sources) नहीं काटेगा।
किसी बीमा एजेंट के लिए कुल कमीशन इनकम ₹60,000 से कम होने पर कुछ ऐड-हॉक डिडक्शन होते हैं। इसके ऊपर कमीशन फ्रीलांसर या प्रोफेशनल के बराबर माने जाते हैं।
प्रॉपर्टी चाहे कमर्शल हो, रेजिडेंशल या इंडस्ट्रियल, इससे आने वाली आमदनी पर टैक्स लगता है। घर, ऑफिस की बिल्डिंग, फैक्ट्री, दुकान वगैरह पर टैक्स लगता है।
सैलरी की तरह ही पेंशन पर भी टैक्स लगता है। अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और आपको लंपसम पेंशन मिलती है तो टैक्स माफ हो सकता है। प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों में लंपसम आय का कुछ ही हिस्सा टैक्स फ्री होता है।
अपनी प्रमुख नौकरी के साथ करने वाले छोटे- मोटे काम को इंसान ITR फाइल करते वक्त भूल सकता है क्योंकि ये बराबर सैलरी नहीं देते। हालांकि, इसे भी फाइलिंग में शामिल करना जरूरी है। फ्रीलांसिंग में टैक्स आमतौर पर प्रॉफिट पर कैलकुलेट होता है।
ITR फाइल करने के लिए फॉर्म 16, फॉर्म16A/16B/16C, फॉर्म 26AS चाहिए होते हैं। इनके अलावा निवेश का प्रूफ, होम लोन स्टेटमेंट और स्टेटमेंट ऑफ गेन्स चाहिए होता है।
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