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  1. Budget 2025: 'शादीशुदा जोड़ों को मिले जॉइंट ITR फाइल करने की छूट' ICAI की सलाह से क्या होगा फायदा?

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Budget 2025: 'शादीशुदा जोड़ों को मिले जॉइंट ITR फाइल करने की छूट' ICAI की सलाह से क्या होगा फायदा?

Upstox

3 min read | अपडेटेड January 08, 2025, 10:10 IST

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सारांश

नई टैक्स व्यवस्था के तहत जहां ₹3 लाख सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं है, वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था में यह ₹2.5 लाख सालाना के लिए लागू है। दोनों में ही यह सीमा परिवार के हर एक सदस्य पर अलग-अलग लागू है।

पति-पत्नि दोनों वेतनप्राप्त हों, तो अलग हो स्टैंडर्ड डिडक्शन

पति-पत्नि दोनों वेतनप्राप्त हों, तो अलग हो स्टैंडर्ड डिडक्शन

इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने उम्मीद जताई है कि बजट 2025 नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत शादीशुदा जोड़ों को अपना आयकर रिटर्न (Income Tax Return) संयुक्त रूप से फाइल करने की इजाजत दे सकता है। संस्थान का मानना है कि इससे जिन परिवारों में एक शख्स कमाई कर रहा है उन्हें फायदा होगा।

इससे टैक्स से बचने की कोशिश भी रोकी जा सकती है। संस्थान ने सरकार को सुझाव दिया है कि लोगों को जॉइंट टैक्सेशन स्कीम के तहत टैक्स भरने का विकल्प दिया जा सकता है ताकि वह अलग-अलग टैक्स भरना चाहते हैं या संयुक्त रुप से, इसके लिए फैसला कर सकें।

ICAI ने यह भी सलाह दी है कि सरचार्ज की लिमिट को ₹50 लाख से बढ़ाकर ₹1 करोड़ कर दिया जाए। उसका कहना है कि पति-पत्नि अगर दोनों वेतनप्राप्त हैं तो उनके लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन अलग-अलग होना चाहिए।

क्या है मौजूदा व्यवस्था?

फिलहाल नई टैक्स व्यवस्था ही आयकर रिटर्न के लिए डिफॉल्ट व्यवस्था है। हालांकि, करदाता पुरानी कर व्यवस्था को भी चुन सकते हैं। दोनों में ही टैक्स की अलग-अलग स्लैब हैं जहां आमदनी बढ़ने के साथ-साथ टैक्स दर बढ़ती हैं।

नई टैक्स व्यवस्था के तहत जहां ₹3 लाख सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं है, वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था में यह ₹2.5 लाख सालाना के लिए लागू है। दोनों में ही यह सीमा परिवार के हर एक सदस्य पर अलग-अलग लागू है।

यानी कि एक परिवार में अगर पति-पत्नी और दो बच्चे हैं तो हर एक को नई कर व्यवस्था में ₹3 लाख और पुरानी कर व्यवस्था में ₹2.5 लाख सालाना आय पर अलग-अलग छूट मिलेगी।

दोगुनी की जाए छूट

ICAI का मानना है कि इसमें मौजूदा कॉस्ट ऑफ लिविंग का ध्यान नहीं रखा गया है। इसलिए लोग टैक्स से बचने के लिए आमदनी को परिवार के दूसरे सदस्यों के हिस्से का दिखाते हैं। ICAI का सुझाव है कि नई टैक्स व्यवस्था में शादीशुदा जोड़ों के लिए संयुक्त टैक्सेशन पर बेसिक छूट की सीमा को दोगुना कर दिया जाए।

संस्थान ने यह भी सलाह दी है कि टैक्स स्लैब्स को इस हिसाब से और ज्यादा बड़ा किया जाए। इससे परिवारों को मौजूदा आर्थिक स्थिति के हिसाब से राहत दी जा सकेगी।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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