पर्सनल फाइनेंस
2 min read | अपडेटेड December 04, 2024, 12:38 IST
सारांश
8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारी 8वें वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से बढ़ रही है। ऐसे में सरकार को आयोग का गठन करने में आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
बढ़ती महंगाई के साथ वेतन बढ़ाने की मांग
केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग (Pay Commission) के गठन के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है। हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुताबिक सरकार की माली हालत इसके पीछे वजह नहीं है। सरकारी कर्मचारी कई साल से इसे लेकर मांग कर रहे हैं लेकिन महंगाई दर को देखते हुए अटकलें लगाई जा रही थीं कि वेतन आयोग का गठन हो सकता है।
नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी ने हाल ही में कहा थ कि संगठन अगली बार वेतन रिवाइज होने पर कम से कम 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की उम्मीद कर रहे थे। फिटमेंट फैक्टर करंट बेसिक पे के ऊपर लगने वाला मल्टिप्लायर है जो रिवाइज किए गए पे स्ट्रक्चर को तय करता है।
NC-JCM के कर्मचारी बढ़ी हुई महंगाई दर और कॉस्ट ऑफ लिविंग को देखते हुए बढ़े हुए फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की वकालत कर रहे थे। अगर उनकी मांग को मंजूर कर लिया जाता है तो न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹17,990 से ₹51,451 पर पहुंच जाएगी।
7वें वेतन आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर का प्रस्ताव दिया था जिसे 2016 में लागू किया गया है। इसके बाद न्यूनतम वेतन ₹7,000 से ₹17,990 पर पहुंच गया था। हालांकि, कर्मचारी यूनियन 3.68 के फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे थे।
कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने NDTV से बातचीत में बताया कि GDP के साथ सभी सेक्टर्स तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं। इसलिए अब 8वें वेतन आयोग को बनाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
वेतन आयोग का गठन सरकार कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और लाभ के लिए करती है। इससे लाखों कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों को फायदा मिलता है और देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ता है। आयोग के गठन की कोई तय तारीख नहीं है लेकिन महंगाई दर को देखते हुए इसकी मांग की जा रही है। खासकर, कोविड-19 के बाद से यह मांग तेज हो गई है।
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