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3 min read | अपडेटेड February 10, 2025, 08:47 IST
सारांश
EMI changes: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने रेपो रेट में कटौती का ऐलान कर दिया है। अगर बैंक भी इसके बाद अपनी ब्याज दरें बदलती हैं, तो ग्राहकों को फायदा हो सकता है।
5 साल बाद पहली बार RBI ने किया है रेपो रेट कट का ऐलान। (तस्वीर: Shutterstock)
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India, RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (Monetary Policy Committee, MPC) ने पिछले हफ्ते रेपो रेट (Repo Rate Cut) को 25 बेसिस पॉइंट्स से कम कर दिया था।
शुक्रवार को गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इसे 6.5% से घटाकर 6.25% करने का ऐलान किया था। एक्सपर्टस का मानना है कि इसके बाद बैंक अपनी ब्याज दरें भी कम कर सकते हैं जिससे देश में घर, कार, MSME और दूसरे रीटेल फ्लोटिंग रेट लोन लेने वालों को राहत मिल सकती है।
रीटेल फ्लोटिंग लोन रेपो रेट के एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक होते हैं। इसलिए रेपो रेट बदलने से इनके EMI भी बदलते हैं। यहां समझते हैं कि अगर बैंक अपनी नीतियों के मुताबिक अगर ब्याज दरों को नीचे करते हैं तो आम लोगों को क्या फायदा हो सकता है।
जिन लोगों के घर के कर्ज फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट से जुड़े हैं, उनके लिए ब्याज दरें 25 बेसिस पॉइंट्स नीचे जा सकती हैं। यहां देखते हैं कि अगर आपने ₹20 लाख, ₹30 लाख और ₹50 लाख का कर्ज लिया है जिसका टेन्योर 20 साल का है और औसत ब्याज दर रेपो रेट कट के पहले 8.75% थी तो आपके EMI पर क्या असर पड़ेगा-
लोन अमाउंट (₹) | EMI @8.75% | EMI @8.5% | EMI पर सालाना बचत |
---|---|---|---|
20 लाख | ₹17,674 | ₹17,356 | ₹3,816 |
30 लाख | ₹26,511 | ₹26,035 | ₹5,712 |
50 लाख | ₹44,186 | ₹43,391 | ₹9,540 |
एक्सपर्ट्स का मानना है कि रेपो रेट कट से सस्ते होने वाले कर्ज से घर बनाना पहले से कुछ आसान हो सकेगा जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहन मिलेगा।
जिन लोगों ने कार या दोपहिया वाहनों के लिए कर्ज लिया है, रेपो रेट कट से उन्हें भी फायदा हो सकता है क्योंकि रीटेल कर्ज की कैटगिरी में ये भी आते हैं। अगर बैंक रेपो रेट के मुताबिक बदलाव करते हैं तो ऑटो लोन लेने वालों के कर्ज की ब्याज दर भी 25 बेसिस पॉइंट्स से नीचे जा सकती है।
यहां समझते हैं कि अगर किसी ने ₹5 लाख, ₹7 लाख, या ₹10 लाख का कर्ज 5 साल के लिए लिया है और औसत ब्याज दर रेपो रेट कट के पहले 9.4% थी, तो अब EMI पर क्या असर पड़ेगा-
लोन अमाउंट (₹) | EMI @9.4% | EMI @9.15% | सालाना EMI पर बचत |
---|---|---|---|
5 लाख | ₹10,477 | ₹10,416 | ₹732 |
7 लाख | ₹14,667 | ₹14,582 | ₹1,020 |
10 लाख | ₹20,953 | ₹20,831 | ₹1,464 |
रिजर्व बैंक की कमिटी ने 5 साल के बाद ब्याज दरों में कटौती की है। माना जा रहा था कि मुद्रास्फीति दर की मौजूदा स्थिति और हाल ही में बजट में उपभोग को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों को देखते हुए बैंक ब्याज दर कम कर सकता है।
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