पर्सनल फाइनेंस
2 min read | अपडेटेड November 07, 2024, 13:25 IST
सारांश
PM विद्यालक्ष्मी योजना के अंतर्गत मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक 22 लाख से ज्यादा छात्रों को इसका फायदा हो सकेगा। उच्च गुणवत्ता वाले संस्थानों में दाखिला पाने वाले छात्रों को बिना कोलैटरल और गारंटी दिए लोन मिल सकेगा।
PM विद्यालक्ष्मी योजना में शामिल होंगे उच्च गुणवत्ता वाले संस्थान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने PM विद्यालक्ष्मी योजना को हरी झंडी दे दी है। इसके अंतर्गत मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के तहत यह एक बड़ी पहल है।
इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पैसे के अभाव में कहीं उच्च गुणवत्ता वाले संस्थान छात्रों की पहुंच से दूर न रह जाएं। PM मोदी ने X पर कहा कि शिक्षा की पहुंच को बढ़ाने के लिए यह एक बड़ा कदम है। युवा शक्ति को इससे सशक्त किया जा सकेगा और देश का उज्जवल भविष्य तैयार होगा।
PM विद्यालक्ष्मी के तहत उच्च गुणवत्ता वाले 860 संस्थानों को शामिल किया जाएगा और इनमें दाखिला पाने वाले छात्रों को बिना कोलैटरल और गारंटी दिए लोन मिल सकेगा। इन संस्थानों में नैशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) के टॉप 100 संस्थान होंगे जिनमें केंद्र और राज्य दोनों, सरकारों के संस्थान होंगे।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक 22 लाख से ज्यादा छात्रों को इसका फायदा हो सकेगा। छात्र 7.5 लाख रुपये ले सकेंगे। इस राशि तक के लोन को अगर छात्र वापस नहीं कर पाते हैं तो सरकार 75% हिस्सा कवर करने में मदद करेगी।
वहीं, 8 लाख रुपये की सालाना आय वाले परिवारों से आने वाले छात्र, जिन्हें कोई स्कॉलशिप नहीं मिल रही है, उन्हें 10 लाख रुपये तक के लोन पर 3% इंटरेस्ट सब्सिडी मिलेगी। साल 2031 तक इस योजना में 7 लाख नए छात्र जोड़ने का प्लान है।
लाभार्थियों की पहचान के लिए डिजिटल पोर्टल बनेगा। इस पर छात्र लोन और इंटरेस्ट सब्सिडी के लिए अप्लाई कर सकेंगे। ई- वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी का इस्तेमाल करके इंटरेस्ट सबवेंशन का फायदा भी लिया जा सकेगा।
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