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Old Tax Regime Deductions: चुनी है पुरानी टैक्स व्यवस्था तो अभी इन निवेश पर मिल सकती है छूट

Upstox

4 min read | अपडेटेड January 03, 2025, 15:35 IST

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सारांश

Old Tax Regime Deductions: वित्त वर्ष 2024-25 में टैक्स पर छूट चाहते हैं तो पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत अभी कुछ निवेश का फायदा उठा सकते हैं।

नई कर व्यवस्था में खत्म कर दिए गए हैं कई डिडक्शन

नई कर व्यवस्था में खत्म कर दिए गए हैं कई डिडक्शन

नया साल शुरू हो चुका है। जल्द ही नया वित्त वर्ष भी लग जाएगा। अगर आपने पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) चुनी है तो मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में टैक्स की बचत करने के मौके अभी भी आपके पास हैं। पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत 31 मार्च के पहले किए गए कुछ निवेश टैक्स से बाहर रहेंगे।

यह जानकारी इसलिए अहम है क्योंकि नई टैक्स व्यवस्था में इन निवेश पर टैक्स से छूट नहीं मिलती। यहां देखते हैं ऐसे कौन से निवेश हैं जिनपर आयकर कानून, 1962 के तहत अभी भी टैक्स से बचत हो सकती है।

PPF से लेकर NPS तक, सब बाहर

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) जैसी छोटी बचत योजनाओं में किया गया निवेश टैक्स के दायरे से बाहर होता है। सेक्शन 80सी के तहत एक साल में अधिकतम ₹1.5 लाख निवेश किया जा सकता है जिस पर टैक्स नहीं लगता है। इसी तरह सेक्शन 80सीसीसी के तहत बीमा कंपनियों में पेंशन के लिए जमा किए गए फंड पर टैक्स से छूट होती है।

इनके अलावा सेक्शन सीसीडी (1) के अंदर नेशनल पेंशन अकाउंट (NPS) में जमा राशि को भी टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। तीनों में ही निवेश की अधिकतम सीमा ₹1.5 लाख तय है। NPS में ₹50,000 तक के अतिरक्त निवेश को भी सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत छूट मिली हुई है।

बीमा प्रीमियम

लोगों के बीच बीमा की आदत को बढ़ाने के लिए इसके प्रीमियम को भी टैक्स से राहत दी गई है। अपने लिए, पति-पत्नी, माता-पिता या निर्भर बच्चों के लिए जमा किए गए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। सेक्शन 80डी के तहत इसमें आम नागरिक के लिए अधिकतम सीमा ₹25,000 है जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000

नई टैक्स व्यवस्था में भी हैं कुछ डिडक्शन

यूं तो पीपीएफ, एनपीएस जैसे डिडक्शन नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) से बाहर रखे गए हैं, इसमें टैक्स स्लैब कम करके करदाताओं को राहत देने की कोशिश की गई है। हालांकि, यह यहां भी कुछ ऐसे डिडक्शन हैं जो अभी भी लागू हैं और इनसे बचत की जा सकती है।

नई कर व्यवस्था के अंदर स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को ₹50 हजार से बढ़ाकर ₹75 हजार कर दिया है। वहीं, ऐसे करदाता जिनकी टैक्सेबल आमदनी ₹7 लाख तक है उन्हें भी, टैक्स अमाउंट या ₹25 हजार, जो भी कम हो, उतनी छूट मिल जाएगी।

इसके अलावा वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) लेने पर ₹5 लाख तक अमाउंट पर टैक्स नहीं लगेगा। वहीं, सेक्शन 80CCD (2) के तहत एम्प्लॉयर द्वारा कर्मचारी के पेंशन अकाउंट (NPS) में जो योगदान जाता है, उस पर ₹2 लाख की सीमा तक टैक्स नहीं पड़ेगा।

इसके साथ ही ₹20 लाख तक की ग्रैच्युटी, अग्निवीर कॉर्पस फंड में योगदान, टूर या ट्रांसफर के लिए मिलने वाले डेली और कन्वेयंस अलाउएंस जैसी राशियों पर भी टैक्स नहीं पड़ता है।

किसी रजिस्टर्ड चैरिटी संगठन को दान देने पर भी सेक्शन 80 जी के तहत टैक्स में छूट मिल सकती है। इन सबके अलावा आप अपने लॉन्ग-टर्म गेन को टैक्स से बचाने के लिए दोबारा किसी रिहायशी संपत्ति में लगा सकते हैं।

जैसे, अगर आप कोई रिहायसी संपत्ति बेच रहे हैं तो आप इससे मिलने वाले लॉन्ग-टर्म गेन को नई संपत्ति में, या इक्विटी और म्यूचुअल फंड से आने वाले LTCG को रिहायशी संपत्ति में निवेश कर सकते हैं। इस राशि को आप बैंकों की कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम में भी जमा करा सकते हैं।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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