पर्सनल फाइनेंस
3 min read | अपडेटेड April 07, 2025, 04:45 IST
सारांश
आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि बैंकों द्वारा जारी किए गए क्रेडिट कार्ड की संख्या भी जनवरी 2024 में 9.95 करोड़ और जनवरी 2021 में 6.10 करोड़ से तेजी से बढ़कर जनवरी 2025 तक 10.88 करोड़ हो गई।
क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट से क्यों बढ़ी मुश्किलें?
पिछले तीन सालों में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। डिजिटल पेमेंट और लोगों के बढ़ते खर्च के चलते क्रेडिट कार्ड से किए गए खर्च में काफी तेजी देखने को मिली है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) यानी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) या कस्टमर्स के डिफॉल्ट किए गए अमाउंट में भी भारी बढ़त देखने को मिली है। दिसंबर 2024 के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस दौरान क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट 28.42% बढ़ गया, मतलब 6,742 करोड़ रुपये क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट में देखने को मिले। आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि ओवरऑल इकॉनमी मंदी के बीच ग्रॉस एनपीए दिसंबर 2023 में 5,250 करोड़ रुपये से बढ़कर मौजूदा लेवल पर पहुंच गया है, जो लगभग 1,500 करोड़ रुपये की तेजी दिखाता है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक यह दिसंबर 2024 में कमर्शियल बैंकों के क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में 2.92 लाख करोड़ रुपये के ग्रॉस लोन बकाया का 2.3% है, जबकि पिछले साल यह 2.53 लाख करोड़ रुपये के क्रेडिट कार्ड बकाया का 2.06% था। पिछले दो सालों में भारतीय बैंकों ने एनपीए या उधारकर्ताओं द्वारा डिफॉल्ट किए गए लोन को कम करने में सफलता हासिल की है, लेकिन करीब से देखने पर पता चलता है कि पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में एनपीए में काफी तेजी देखने को मिली है। क्रेडिट कार्ड बकाया अनसिक्योर्ड नेचर का होता है और इस पर इंटरेस्ट रेट काफी ज्यादा होते हैं। जब इंटरेस्ट या प्रिंसिपल इंटरेस्ट 90 दिनों से अधिक समय से बकाया होती है तो लोन अकाउंट एनपीए हो जाता है।
जब कोई कस्टमर बिलिंग साइकल से परे अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने में देरी करता है, तो बैंक बकाया राशि पर 42-46% प्रति वर्ष के हाई इंटरेस्ट रेस्ट लगाता है और उसका क्रेडिट स्कोर भी गिर जाता है। कार्ड आउटस्टैंडिंग वह अमाउंट है, जो बैंकों द्वारा दी जाने वाली इंटरेस्ट फ्री पीरियड के बाद कस्टमर्स को देनी होती है। कस्टमर्स को क्रेडिट कार्ड सेगमेंट की ओर आकर्षित करने वाली चीजें अधिक खर्च करने पर रिवॉर्ड, लोन ऑफर और लाउंज बेनेफिट्स जैसे प्रोत्साहन हैं।
पिछले तीन सालों में क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन का मूल्य तीन गुना बढ़कर मार्च 2024 को खत्म हुए साल के दौरान 18.31 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो मार्च 2021 में 6.30 लाख करोड़ रुपये था, साथ ही अर्थव्यवस्था महामारी से उभर रही है और पिछली कई तिमाहियों में उपभोक्ता विश्वास बढ़ रहा है। जनवरी 2025 के महीने में क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपये था, जो जनवरी 2021 में 64,737 करोड़ रुपये से काफी अधिक है। आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि बैंकों द्वारा जारी किए गए क्रेडिट कार्ड की संख्या भी जनवरी 2024 में 9.95 करोड़ और जनवरी 2021 में 6.10 करोड़ से तेजी से बढ़कर जनवरी 2025 तक 10.88 करोड़ हो गई।
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