पर्सनल फाइनेंस
2 min read | अपडेटेड February 24, 2025, 07:52 IST
सारांश
आंकड़ों से पता चलता है कि खुदरा निवेशक Mutual funds में बढ़-चढ़कर जुड़ रहे हैं और लंबे समय के निवेश को प्राथमिकता मिल रही है।
ज्यादा लोगों को निवेश से जोड़ने की कोशिश।
असोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Association of Mutual Funds in India, AMFI) ने हाल ही में पुराने निवेशों को रिकवर करने और सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Securities and Exchange Board of India, SEBI) के लक्ष्यों के साथ इक्विटी मार्केट्स को जोड़ने के लिए तीन नए कार्यक्रमों की शुरुआत की है।
AMFI ने कम बचत के लिए छोटी SIP योजना, युवा निवेशकों के लिए तरुण योजना और देश के अलग-अलग हिस्सों से निवेशकों की प्रतिभागिता को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए MITRA पहल की शुरुआत की है। AMFI चेयरमैन नवनीत मनोट का कहना है कि म्यूचअल फंड वित्तीय सशक्तीकरण का एक अहम स्तंभ हैं ताकि लोग भारत की ग्रोथ के साथ लोग जुड़े सकें।
इनके जरिए न सिर्फ ज्यादा लोगों तक निवेश को पहुंचाया जाएगा बल्कि उसे सुरक्षित, पारदर्शी बनाकर हर भारतीय की वित्तीय सेहत के साथ जोड़ा जा सकेगा। यहां जानते हैं इन तीनों योजनाओं के बारे में-
Chhoti SIP ₹250 का सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (systematic investment plan, SIP) ऐसे लोगों को म्यूचुअल फंड से जोड़ने के लिए लाया गया है जो पहली बार निवेश के बारे में सोच रहे हैं। खासकर ऐसे लोग जो कुछ अभावों का सामना कर रहे हैं। इसके जरिए म्यूचुअल फंड्स ऐसे पेश किया गया है कि कम संसाधन और अनियमित आमदनी वाले लोग भी इसमें निवेश कर सकें। इसमें छोटे और किफायती निवेश के जरिए लोगों को जोड़ने की योजना है।
Tarun योजना के जरिए स्कूली करीकुलम में वित्तीय साक्षरता को जोड़ा जाएगा ताकि पहले से ही बच्चों को निवेश के बारे में बेसिक जानकारी मिल सके। शुरुआत से ही निवेश की समझ पैदा होने से आगे चलकर युवा समझदारी के साथ निवेश से जुड़े वित्तीय फैसले कर सकेंगे।
AMFI का MITRA (Mutual Fund Investment Tracing and Retrieval Assistant) प्लेटफॉर्म एक बेहद जरूरी पहलू को पूरा करता है। कई बार लोग अपने कुछ निवेश भूल जाते हैं। ऐसे इनैक्टिव या भूले हुए निवेशों को खोजने के लिए MITRA प्लेटफॉर्म काम आएगा। इससे सबसे बड़ा काम होगा देश भर में अलग-अलग संपत्तियों के मालिकाना हक को तय करने का।
प्रबंधन के तहत संपत्ति (Assets under management) के ₹65 लाख करोड़ पार करने के साथ भारत में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। इस आंकड़ों से पता चलता है कि खुदरा निवेशक इसमें बढ़-चढ़कर जुड़ रहे हैं और लंबे समय के निवेश को प्राथमिकता मिल रही है।
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