पर्सनल फाइनेंस
3 min read | अपडेटेड February 04, 2025, 09:31 IST
सारांश
NPS Vatsalya Scheme: वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में राहत देते हुए सीतारमण ने ऐलान किया है कि उनके लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा मौजूदा ₹50,000 से दोगुनी करके ₹1 लाख की जा रही है।
नाबालिग बच्चों के भविष्य के लिए माता-पिता खोल सकते हैं NPS अकाउंट।
केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स से जुड़ी कई रियायतें दी हैं। इस कड़ी में नेशनल पेंशन सिस्टम में भी कई बदलाव किए गए हैं और इससे जुड़ी NPS वात्सल्य योजना (NPS Vatsalya Scheme) में भी टैक्स बेनिफिट दिया गया है।
सीतारमण ने बजट में प्रस्ताव दिया है कि NPS वात्सल्य अकाउंट्स को भी सामान्य NPS अकाउंट्स की तरह ही टैक्स से जुड़े फायदे मिलें। उन्होंने कहा कि ऐसे कई वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों के राष्ट्रीय बचत योजना (National Savings Scheme, NSS) अकाउंट्स हैं जो बेहद पुराने हो चुके हैं और उन पर अब कोई ब्याज नहीं मिलता है। इसलिए ऐसे अकाउंट्स से 29 अगस्त, 2024 या उसके बाद राशि निकालने को टैक्स से छूट का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने कहा कि इसी तरह के नियम NPS वात्सल्य अकाउंट्स पर भी लागू होंगे, बशर्ते वह तय सीमा के अंदर हो।
सरकार के इस कदम का फायदा आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 80CCD(1B) के जरिए करदाताओं को मिलेगा। इसके तहत सालाना ₹50,000 तक के निवेश पर डिडक्शन मिलता है।
NPS वात्सल्य पेंशन योजना पिछले साल सितंबर में लॉन्च हुई थी। यह नाबालिग बच्चों के लिए है। इसके जरिए माता-पिता पहले से अपने बच्चों के भविष्य के लिए तैयारी कर सकते हैं। इसमें पेरंट्स और अभिभावक बच्चे के नाम पर पेंशन अकाउंट खोल सकते हैं और हर साल कम से कम ₹1,000 जमा कर सकते हैं। इसमें कोई अधिकतम सीमा नहीं है।
बच्चों के बालिग होने के बाद इसे सामान्य NPS अकाउंट में तब्दील किया जा सकता है या किसी गैर-NPS स्कीम से भी जोड़ा जा सकता है। यह योजना पेंशन फंड रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के तहत चलती है। इससे बड़ी बैंकें, इंडिया पोस्ट और पेंशन फंड्स जुड़े हुए हैं। NPS Trust के eNPS प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन रजिस्टर भी किया जा सकता है।
वहीं, वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में राहत देते हुए सीतारमण ने ऐलान किया है कि उनके लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा मौजूदा ₹50,000 से दोगुनी करके ₹1 लाख की जा रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में बेसिक छूट की सीमा वरिष्ठ नागरिकों के लिए नई और पुरानी, दोनों कर व्यवस्था में ₹3 लाख सालाना कर दी थी जबकि अति वरिष्ठ नागरिकों (80 साल की उम्र से ऊपर) के लिए ₹5 लाख सालाना सीमा कर दी थी। हालांकि, यह सिर्फ पुरानी कर व्यवस्था में किया गया था।
संबंधित समाचार
लेखकों के बारे में
अगला लेख