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3 min read | अपडेटेड February 01, 2025, 14:00 IST
सारांश
Budget 2025-26 for Senior Citizens: एक दिन पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में बताया गया था कि भारत में नेशनल पेंशन स्कीम और अटल पेंशन योजना मिलाकर भी सिर्फ 5.3% आबादी ही पेंशन कवर के तहत आती है।
बढ़ती महंगाई दर को देखते हुए की जा रही थी टैक्स में राहत की मांग।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 पेश करते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई रियायतों का ऐलान किया है। आयकर में कटौती से लेकर बचत योजनाओं में निकासी तक कई नियमों में बदलाव किया गया है। बजट के पहले वित्त मंत्री से इस बात की गुजारिश की जा रही थी कि बढ़ती महंगाई दर को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के कदम बजट में उठाए जाएं।
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया कि पेंशन उत्पादों के विनियामक समन्वय और विकास के लिए एक मंच स्थापित किया जाएगा। एक दिन पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में बताया गया था कि भारत में नेशनल पेंशन स्कीम और अटल पेंशन योजना मिलाकर भी सिर्फ 5.3% आबादी ही पेंशन कवर के तहत आती है। ऐसे में पेंशन प्रॉडक्ट्स को ज्यादा से ज्यादा लोगों, खासकर युवाओं के बीच पहुंचाने के लिए कोशिशें जरूरी हैं।
वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में राहत देते हुए सीतारमण ने ऐलान किया है कि उनके लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा मौजूदा ₹50,000 से दोगुनी करके ₹1 लाख की जा रही है।
वित्त वर्ष 2024-25 में बेसिक छूट की सीमा वरिष्ठ नागरिकों के लिए नई और पुरानी, दोनों कर व्यवस्था में ₹3 लाख सालाना कर दी थी जबकि अति वरिष्ठ नागरिकों (80 साल की उम्र से ऊपर) के लिए ₹5 लाख सालाना सीमा कर दी थी। हालांकि, यह सिर्फ पुरानी कर व्यवस्था में किया गया था।
कई वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों के पास बहुत पुराने राष्ट्रीय बचत योजना (National Pension Scheme, NPS) खाते हैं। चूंकि ऐसे खातों पर अब ब्याज नहीं मिलता है, इसलिए सरकार ने 29 अगस्त, 2024 को या उसके बाद व्यक्तियों द्वारा National Savings Scheme (NSS) से की गई निकासी को छूट देने का प्रस्ताव दिया है ।
सरकार ने NPS वात्सल्य खातों के लिए भी समान कर उपचार की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है, जो सामान्य NPS खातों के लिए उपलब्ध है , जो समग्र सीमाओं के अधीन है।
एक दिन पहले आए आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) के आने के बाद से देश में पेंशन सेक्टर तेजी से बढ़ा है। सितंबर 2024 में कुल सब्सक्राइबर्स की संख्या 783.4 लाख पहुंच गई थी। हालांकि, NPS और APY मिलाकर कुल आबादी का सिर्फ 5.3% हिस्सा पेंशन योजनाओं के तहत आता है।
इसमें गौर करने वाली बात यह है कि 93.7% APY अकाउंट हर महीने ₹1,000 की राशि वाले हैं जबकि महज 3.7% ₹5,000 की राशि वाले हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पेंशन योजनाओं से जुड़े परिवारों की आमदनी कम है और बचत की जगह जरूरतें पूरी करने पर आमदनी खर्च हो जाती है।
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