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3 min read | अपडेटेड February 01, 2025, 12:56 IST
सारांश
Income Tax: पहले से मांग उठ रही थी कि महंगाई दर को देखते हुए आयकर स्लैब को बड़ा कर देना चाहिए और टैक्स दर को कम। अब सरकार ने नई कर व्यवस्था के तहत टैक्स दरों में बदलाव किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी बड़ी खुशखबरी
बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं को बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने ऐलान किया है कि ₹12 लाख तक की सालाना आमदनी पर अब कोई आयकर नहीं देना होगा। इसे लेकर लंबे वक्त से मांग की जा रही थी कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए मध्यमवर्ग को राहत मिलनी चाहिए।
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि कैपिटल गेन्स जैसी स्पेशल आमदनी के अतिरिक्त ₹12 लाख तक की सालाना आमदनी टैक्स के दायरे से बाहर रहेगी। वहीं, ₹75,000 स्टैंडर्ड डिडक्शन के चलते वेतनप्राप्त कर्मचारियों के लिए यह लिमिट ₹12.75 लाख हो जाएगी।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक नया टैक्स ढांचा मध्यमवर्ग के ऊपर से टैक्स के बोझ को कम करेगा और उनके पास खर्च के लिए ज्यादा राशि छोड़ेगा जिससे घरेलू उपभोग बढ़ेगा, साथ ही बचत और निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
आमदनी की रेंज (₹ में) | टैक्स रेट |
---|---|
0 - 4 लाख | निल |
4 - 8 लाख | 5% |
8 - 12 लाख | 10% |
12 - 16 लाख | 15% |
16 - 20 लाख | 20% |
20 - 24 लाख | 25% |
इसके पहले सीतारमण ने अपने भाषण में मिडिल क्लास के ऊपर से टैक्स का बोझ कम करने की बात कहते हुए माना है कि यह देश के विकिसत होने में एक अहम स्तंभ है। उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास देश को वृद्धि के लिए शक्ति पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने हमेशा मध्यमवर्ग की ऊर्जा और राष्ट्र-निर्माण की क्षमता में विश्वास रखा है।
वित्त मंत्री ने बताया कि ₹12 लाख आमदनी वाले करदाता ₹80 हजार की बचत कर सकेंगे जो मौजूदा टैक्स दरों की तुलना में 100% की राहत होगी। इसी तरह ₹18 लाख तक की आमदनी पर टैक्स में मिलेगा ₹70,000 का फायदा जबकि ₹25 लाख की आमदनी वालों को ₹1.1 लाख का फायदा होगा।
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान नई कर व्यवस्था आई थी जिसमें टैक्स दरों को कम किया गया था लेकिन साथ ही डिडक्शन्स और छूट भी खत्म कर दी गई थीं। आयकर कानून, 1961 के तहत करदाताओं को नई या पुरानी कर व्यवस्था में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलता है।
एक व्यक्तिगत करदाता और हिंदू अविभाजित परिवार (Hindu Undivided Family, HUF) के लिए नई कर व्यवस्था ही डिफॉल्ट है। पुरानी कर व्यवस्था में टैक्स दरें ज्यादा हैं लेकिन आयकर कानून के अलग-अलग सेक्शन्स के तहत करीब 70 डिडक्शन और छूट मिलती है।
इनमें हाउसिंग रेंट अलाउएंस (HRA), लीव ट्रैवल अलाउएंस, स्टैंडर्ड डिडक्शन और सेक्शन 80सी से लेकर 80यू के तहत डिडक्शन मिलते हैं।
सरकार ने करदाताओं को खुद रहने के लिए इस्तेमाल की जा रहीं दो संपत्तियों की वैल्यू NIL क्लेम करने की भी छूट दे दी है।
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