पर्सनल फाइनेंस
3 min read | अपडेटेड February 17, 2025, 09:31 IST
सारांश
FD benefits: स्टॉक या इक्विटी में निवेश के मुकाबले FD में कम जोखिम होता है। इसमें रिटर्न्स की भी गारंटी होती है जिससे निवेश के पोर्टफोलियो में स्थिरता बनी रहती है।
RBI के रेपो रेट घटाने के बाद FD पर लौटा फोकस।
पिछले कुछ वक्त में स्टॉक मार्केट में लगातार भारी उथल-पुथल देखी गई है। ऐसे में निवेशकों का फोकस ऐसे तरीकों पर लौटता दिखा है जहां जोखिम कम हो लेकिन रिटर्न्स भी पर्याप्त हों। इन्हीं में से एक फिक्स्ड डिपॉडिट (Fixed deposit, FD) भी है।
पिछले 10 दिन में इक्विटी बाजार में गिरावट के चलते निवेशकों को ₹20 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। बेंचमार्क सूचकांक SENSEX और NIFTY50 साल 2025 में 3% से ज्यादा लुढ़क गए हैं। ऐसे में FD और दूसरी छोटी बचत योजनाओं की ओर निवेशकों का ध्यान मुड़ सकता है जहां जोखिम कम हो।
यहां समझते हैं कि कम जोखिम और अच्छे रिटर्न वाले FD में निवेश के क्या फायदे हो सकते हैं-
स्टॉक या इक्विटी में निवेश के मुकाबले FD में कम जोखिम होता है। इसमें रिटर्न्स की भी गारंटी होती है जिससे निवेश के पोर्टफोलियो में स्थिरता बनी रहती है। एक समान रिटर्न की दर के चलते न्यूनतम फायदा होना तय होता है। इक्विटी के साथ-साथ FD में निवेश से एक में होने वाले घाटे को दूसरे के फायदे से कवर किया जा सकता है।
FD में रिटर्न की गारंटी होने के चलते इन्हें कम समय के निवेश के लिए बेहतर विकल्प समझा जाता है। बच्चों के स्कूल के ऐडमिशन या जल्द पड़ने वाले दूसरे खर्चों के लिए ये काम आते हैं। यहां निवेश की गई रकम की कीमत कम भी नहीं होती और मच्योरिटी पर तय अमाउंट भी मिलता है।
कई बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (Non-banking Financial Companies, NBFCs) 6 महीने से 10 साल के लिए अलग-अलग समयसीमा के FD पर अलग-अलग ब्याज दर ऑफर करते हैं।
FD में निवेशकों को जरूरत पड़ने पर तय समयसीमा के पहले पैसे निकालने की आजादी होती है। हालांकि, ऐसा करने पर पेनाल्टी पड़ सकती है।
वहीं, बैंक और NBFC निवेशकों के इनकम ग्रुप के आधार पर अलग-अलग योजनाएं ऑफर करते हैं जिससे उनकी जरूरतें उनके मुताबिक पूरी हो सकें। लगभग सभी बैंक वरिष्ठ नागरिकों को FD पर ज्यादा ब्याज दर देते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India, RBI) ₹5 लाख तक के FD को बीमा कवर देता है। यानी बैंक के दिवालिया होने पर डिपॉजिटर्स की रकम सुरक्षित रहती है।
FD पर शॉर्ट टर्म में अच्छे रिटर्न भी मिलते हैं, साथ ही ये टैक्स में राहत भी देते हैं। आयकर कानून (Income Tax 1961) के सेक्शन 80सी के तहत 5 साल की FD पर टैक्स डिडक्शन मिलता है।
बैंक का नाम | 7 दिन से 1 वर्ष | 1 वर्ष से 2 वर्ष | 2 वर्ष से अधिक |
---|---|---|---|
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | 3.5% - 6% | 6.8%- 7% | 7%-6.5% |
एचडीएफसी बैंक | 3.5% -6.6% | 6.6% - 7.25% | 7% |
आईसीआईसीआई बैंक | 3%- 6% | 6.7% - 7.25% | 6.9% - 7% |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 4.25% -6.85% | 7% | 7.15% - 6.25% |
एक्सिस बैंक | 3% - 6% | 6.7% -7.25% | 7% - 7.1% |
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