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  1. AMFI Equity MF data: नवंबर में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स 14% लुढ़के, लार्ज से स्मॉल कैप फंड्स की तरफ मुड़े निवेशक

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AMFI Equity MF data: नवंबर में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स 14% लुढ़के, लार्ज से स्मॉल कैप फंड्स की तरफ मुड़े निवेशक

Upstox

2 min read | अपडेटेड December 10, 2024, 16:41 IST

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सारांश

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में नवंबर के महीने में ₹60,295 करोड़ का निवेश हुआ, जबकि अक्टूबर में यह ₹2.4 लाख करोड़ था।

अब रिस्क से डरते कम हैं निवेशक

अब रिस्क से डरते कम हैं निवेशक

Equity Mutual Fund में नवंबर में महीने-दर-महीने के आधार पर 14% की गिरावट के साथ ₹35,943 करोड़ का निवेश हुआ। इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बने तनावपूर्ण हालात, अमेरिकी चुनावों के नतीजों को वजह बताया जा रहा है।

गिरावट लेकिन अच्छी खबर भी

असोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने मंगलवार को आंकड़े जारी किए। इनमें पाया गया कि गिरावट के बावजूद यह शेयर्स में इन्वेस्ट करने वाले फंड्स में आवक का लगातार 45वां महीना है। इससे पता चलता है कि निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड का आकर्षण बढ़ा ही है।

क्यों रहा ऐसा ट्रेंड?

इस बारे में मोतीलाल ओसवाल AMC के अखिल चतुर्वेदी का कहना है कि अलग-अलग आर्थिक फैक्टर्स, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक घटनाओं और US राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के चलते अस्थिरता बढ़ी है।

इस वजह से बड़ी संख्या में निवेशकों ने पैसा लगाने से पहले इंतजार करना बेहतर समझा है।

क्या कहते हैं आंकड़े?

कुल मिलाकर म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में नवंबर के महीने में ₹60,295 करोड़ का निवेश हुआ, जबकि अक्टूबर में यह ₹2.4 लाख करोड़ था। वहीं मैनेजमेंट के अंदर आने वाले नेट ऐसेट्स पिछले महीने बढ़कर ₹68.08 लाख करोड़ हो गईं, जो अक्टूबर में ₹67.25 लाख करोड़ थी।

आंकड़ों के मुताबिक, शेयर्स में निवेश वाली योजनाओं में अक्टूबर में ₹41,887 करोड़ की तुलना में नवंबर में ₹35,943 करोड़ का निवेश हुआ।

इक्विटी स्कीम्स के अंदर सेक्टर्स की ओर निवेशकों का ध्यान रहा। यहां सबसे ज्यादा ₹7,658 करोड़ की आवक हुई। हालांकि, यह अक्टूबर में ₹12,279 करोड़ और सितंबर में ₹13,255 करोड़ से कम था।

बड़े फंड्स में आवक अक्टूबर के ₹3,452 करोड़ की तुलना में नवंबर में ₹2,548 करोड़ रह गई जबकि छोटे फंड्स में ये ₹3,772 करोड़ से बढ़कर ₹4,112 करोड़ पर पहुंच गई।

बदल रहा है रुझान

ऐसा भी देखा गया है कि कम रिस्क वाली कैटिगिरी- जैसे लार्ज-कैप या हाइब्रिड फंड्स- से निवेशकों का रुझान ज्यादा रिस्क वाले ऑप्शन्स जैसे स्मॉल-कैप फंड्स की ओर शिफ्ट हुआ है।

ITI Mutual Funds के मौजूदा CEO हितेश ठक्कर का कहना है कि भारत की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने पिछले 5 साल में तेज उछाल देखा है। SIP बढ़ते जा रहे हैं जो खुदरा निवेश के लिए बेहतरीन है।

उन्होंने यह भी बताया है कि मैनेजमेंट के अंदर ऐसेट (AUM) का भारत में जीडीपी से अनुपात 18.1% है जो ग्लोबल औसत से कम है।

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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