मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड November 08, 2024, 18:53 IST
सारांश
Swiggy IPO नवंबर के पहले हफ्ते में लॉन्च होने वाला है। इसे लेकर चर्चा भी तेज है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि अपने बड़े प्रतियोगी Zomato की तुलना में स्विगी कैसा परफॉर्म कर रहा है।
Swiggy and Zomato face potential regulatory penalties following a Competition Commission of India (CCI) investigation into their business practices.
देश की दूसरी सबसे बड़ी फूड डिलिवरी और क्विक कॉमर्स कंपनी, Swiggy का IPO (Initial Public Offering) नवंबर 2024 में लॉन्च होने वाला है। इसका कुल इशू साइज ₹11,327 करोड़ रहेगा जिसमें फ्रेश इशू ₹4,499 का है और ऑफर फॉर सेल ₹6,828 करोड़ का। सब्सक्रिप्शन के लिए IPO 6 नवंबर से 8 नवंबर के बीच खुलेगा।
स्विगी ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां यूजर कई सर्विसेज साथ में ले सकता है। खाना सर्च करने से लेकर ऑर्डर करने के अलावा अब ग्रोसरी और घर के जरूरी सामान को ऑर्डर करने के लिए भी स्विगी का इस्तेमाल होता है। इंस्टामार्ट पर क्विक डिलिवरी गेम चेंजर साबित हुई है। इसके अलावा जीनी और मिनी जैसे स्पेशल फीचर्स भी लाए गए हैं।
भारत में फूड सर्विसेज के बाजार की कीमत 2023 में ₹5,60,000 करोड़ पार कर गई थी। इसमें ऑनलाइन फूड डिलिवरी और बाहर जाकर खाना- दोनों शामिल हैं। माना जा रहा है कि अकेले ऑनलाइन फूड डिलिवरी ही 2028 तक 17-22% के CAGR पर आगे बढ़ेगी। 2023-24 के बीच इसके 46–53% से बढ़ने की उम्मीद है।
भारत का रीटेल बाजार 2023 में ₹7.6 से ₹7.8 लाख करोड़ के करीब पहुंच गया था। इसमें ब्लिंकिट (जोमैटो), स्विगी इंस्टामार्ट, जेप्टो वगैरह काफी बेहतर परफॉर्म किया है।
इस क्षेत्र के दो बड़े प्लेयर्स स्विगी और जोमैटो की तुलना की जाए तो पाएंगे कि कुछ वक्त तक नुकसान उठाने के बाद जोमैटो अब ऊपर की ओर बढ़ने लगा है लेकिन स्विगी के सामने चुनौतियां बरकरार हैं। जोमैटो का मार्केट कैपिटलाइजेशन स्विगी का 2.5 गुना है।
साल 2023-24 के बीच स्विगी का रेवेन्यू 34% बढ़ गया और नेट प्रॉफिट मार्जिन -20% पर पहुंचा जो साल 2022 में -60% पर है। कंपनी ने अपने खर्चे भी काफी कम किए हैं। टेक्नॉलजी और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर को 2.54%, ऐडवरटाइजिंग और सेल्स प्रमोशन पर खर्च को 15.91% और कर्मचारियों को दिए जाने वाले बेनिफिट पर खर्च को 17.3% कम किया गया।
क्विक कॉमर्स सेगमेंट में स्विगी के लिए इंस्टामार्ट और जोमैटो के लिए ब्लिंकिट कमाई कर रहे हैं। इसमें जोमैटो की ग्रोस ऑर्डर वैल्यू ₹4,923 करोड़ के साथ स्विगी के ₹2,724 करोड़ से ज्यादा है। वहीं, औसतन ऑर्डर की वैल्यू भी जोमैटो के लिए ₹625 है जबकि स्विगी के लिए ₹487।
हर महीने इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की बात करें तो भी जोमैटो 0.76 करोड़ के साथ स्विगी के 0.52 करोड़ से आगे हैं। ज्यादा यूजर्स की वजह से भी जोमैटो की ऑर्डर वैल्यू ज्यादा दिखती है। इसमें एक बड़ा योगदान डार्क स्टोर्स का है।
जोमैटो के 639 ऐक्टिव डार्क स्टोर्स हैं जबकि स्विगी पर 557। कॉन्ट्रिब्यूशन मार्जिन की बात करें तो जोमैटो के लिए ये पॉजिटिव में है (4%) और स्विगी के लिए नेगेटिव -3.18%। यानी परफॉर्मेंस के मामले में जोमैटो आगे चल रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि लिस्टिंग के बाद Swiggy की परफॉर्मेंस कैसी होती है।
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