मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड January 03, 2025, 12:19 IST
सारांश
Ketan Parekh समेत 3 लोगों को सिक्यॉरिटीज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने सिक्यॉरिटीज मार्केट से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इनके खिलाफ फ्रंट-रनिंग के जरिए अवैध पैसे कमाने का आरोप है।
केतन पारिख को पहले भी किया जा चुका है सिक्यॉरिटीज मार्केट से बैन
सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने सिक्यॉरिटीज मार्केट से केतन पारिख समेत तीन लोगों को प्रतिबंधित कर दिया है। इनके खिलाफ फ्रंट-रनिंग स्कीम के माध्यम से ₹65.77 करोड़ का अवैध मुनाफा कमाने का आरोप है। इनके अलावा सेबी ने पारिख समेत 22 इकाइयों की अवैध कमाई को जब्त करने का निर्देश भी दिया है।
कैपिटल मार्केट्स रेग्युलेटर ने केतन पारिख, रोहित सलगांवकर और अशोक कुमार को सेबी के साथ रजिस्टर्ड किसी भी इंटरमीडियरी से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ने पर फौरन रोक लगा दी है। सेबी ने पारिख, सलगांवकर और पोद्दार को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो।
फ्रंट-रनिंग स्टॉक मार्केट से जुड़ी एक अवैध गतिविधि होती है जहां एक इकाई किसी ब्रोकर या ऐनलिस्ट से ऐसी जानकारी पहले ही हासिल कर लेती है जो क्लाइंट को भी अभी नहीं मिली।
सेबी के अंतरिम आदेश के मुताबिक रोहत और पारिख ने फ्रंट रनिंग के जरिए Big Client फंड हाउस से जुड़ी जानकारी के बल पर पैसे कमाने की योजना बनाई। बताया गया है कि अशोक कुमार ने फ्रंट-रनिंग में भूमिका निभाने की बात को स्वीकार किया है।
सेबी को मिली जानकारी के मुताबिक पारिख समेत दूसरे आरोपियों को ट्रेड से जुड़ी जानकारी वॉट्सऐप या कॉल पर मिलती थी। इन्हें भेजने वालों के नंबर जैक/ जैक न्यू/ जैक लेटेस्ट न्यू, जैसे नामों के साथ सेव थे।
इनकी जांच करने पर पाया गया कि ये नंबर पारिख के थे जिसे रोहित सलगांवकर से जानकारी मिल रही थी। पारिख से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष और सटीक निर्देश मिलने के बाद फ्रंट-रनर्स ऑर्डर एग्जिक्यूट करते थे और अवैध मुनाफा कमाते थे।
सेबी के मुताबिक केतन पारिख के खिलाफ इसके पहले भी बाजार में गलत गतिविधियों को अंजाम देने के सबूत हैं। पारिख ग्रुप की ब्रोकिंग और निवेश कंपनियों के जरिए 2001 में की गईं गतिविधियों के चलते मार्केट क्रैश तक हो गया था। इसके बाद सेबी ने पारिख पर 14 साल के लिए मार्केट से बैन लगा दिया था।
ताजा मामले में सेबी ने जांच 1 जनवरी, 2021 से 20 जून 2023 तक की है। इसके बाद यह निर्देश दिया गया है कि अवैध गतिविधियों से जुटाए गए मुनाफे को जब्त किया जाएगा। सेबी के मुताबिक इस मामले में अमेरिकी फंड हाउस बिग क्लाइंट से जुड़ी जनकारी का फायदा उठाया गया है। इसके कई फंड्स सेबी के पास विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के तौर पर रजिस्टर्ड हैं।
सलगांवकर, पारिख और पोद्दार तीनों को न तो सिक्यॉरिटीज खरीदने, बेचने या डील करने की इजाजत होगी और ना ही वे सेबी के पास रजिस्टर्ड किसी इंटरमीडियरी से सीधे या अप्रत्यक्ष तौर से असोसिएट कर सकेंगे।
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