मार्केट न्यूज़
3 min read | अपडेटेड December 27, 2024, 16:14 IST
सारांश
शुक्रवार को दोपहर के कारोबार में रुपया 53 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने नए अब तक के सबसे निचले स्तर 85.80 पर पहुंच गया।
डॉलर की बढ़ती मांग और बॉन्ड ईल्ड में तेजी का असर
अमेरिकी डॉलर की बढ़ती मांग का नकारात्मक असर भारतीय रुपये पर पड़ रहा है। इसके चलते शुक्रवार को दोपहर के कारोबार में रुपया 53 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने नए अब तक के सबसे निचले स्तर 85.80 पर पहुंच गया। पिछले 6 महीने में रुपये की किसी एक कारोबारी सेशन के दौरान यह सबसे ज्यादा गिरावट है।
बाजार विश्लेषकों ने बताया कि अमेरिकी बॉन्ड ईल्ड में लगातार बढ़ोतरी से डॉलर की मांग बढ़ती जा रही है। सकारात्मक घरेलू शेयर बाजार विदेशी निवेशकों की बिकवाली को रोक पाने में विफल रहे हैं। इस कारण रुपये की स्थिति कमजोर होती जा रही है। इसके अलावा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने रुपये को और नीचे धकेल दिया।
इसके पहले इंटरबैंक फॉरन एक्सचेंज में रुपया 85.31 प्रति डॉलर पर खुला था। दिन में कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने अभी तक सर्वकालिक निचले स्तर 85.80 पर पुहंच गया।
इस साल 22 मार्च के बाद से एक दिन में रुपये में यह सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई। मार्च में रुपया 48 पैसे टूटकर बंद हुआ था। रुपया बाद में 42 पैसे की गिरावट के साथ 85.69 पर कारोबार पर आ गया।
इससे पहले 68 पैसे की सबसे अधिक एक दिवसीय गिरावट दो फरवरी 2023 को दर्ज की गई थी। वहीं, एक दिन पहले गुरुवार को 12 पैसे की गिरावट के साथ 85.27/ डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.08% की बढ़त के साथ 107.98 पर रहा। अंतरराष्ट्रीय मानक Brent Crude 0.07 % की बढ़त के साथ $73.31/बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) गुरुवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से ₹2,376.67 करोड़ के शेयर बेचे।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के कमजोर होने से देश का आयात बिल करीब $15B डॉलर बढ़ने की आशंका है। शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की ओर से गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल दिसंबर की तुलना में भारतीय रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2.34% की गिरावट आई है।
इस दौरान रुपया 83.25 से गिरकर 85.20 प्रति डॉलर पर आ गया है। वहीं, इस दौरान चीन की मुद्रा युआन में 0.06% की गिरावट आई है।
रिपोर्ट में में कहा गया है कि रुपये में यह गिरावट सोने के आयात पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी, खासकर तब जब सोने की कीमतें दिसंबर, 2023 के $2,066.26/ आउंस से 27 प्रतिशत बढ़कर दिसंबर, 2024 में $2,617.11/आउंस हो गई हैं।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि भारतीय रुपया गिरने का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव चीन से भारत के $100B मूल्य के औद्योगिक सामान के आयात पर पड़ेगा। श्रीवास्तव ने कहा कि चूंकि रुपया और युआन दोनों ही अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुए हैं, इसलिए दोहरे स्तर पर कमजोरी से आयात की लागत बढ़ गई है, जिससे व्यापार संतुलन पर और दबाव पड़ा है।
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