मार्केट न्यूज़
4 min read | अपडेटेड December 31, 2024, 11:20 IST
सारांश
Indo Farm Equipment IPO: Indo Farm Equipment ट्रैक्टर्स और पिक-ऐंड-कैरी क्रेन्स की इंटिग्रेटेड निर्माता है। कंपनी हारवेस्टर और रोटेवेटर्स जैसे उपकरण भी बनाती है।
नए शेयर्स की सेल और ऑफर-फॉर-सेल का मिक्स
खेती के उपकरण, क्रेन और ट्रैक्टर निर्माता कंपनी Indo Farm Equipment Ltd का IPO (Initial Public Offering) आज मंगलवार, 31 दिसंबर को लॉन्च हो गया। लॉन्च होने के बाद पहले ही दिन इशू पूरा बुक हो गया। इस पर 2 जनवरी, 2025 तक बुकिंग चलेगी।
कंपनी का इरादा पब्लिक इन्वेस्टर्स से ₹260.15 करोड़ कैपिटल जुटाने का है और यह बुक बिल्डिंग इशू इस साल का आखिरी मेनबोर्ड इशू होगा। पब्लिक सब्सक्रिप्शन को खुलने के पहले यह ऐंकर इन्वेस्टर राउंड में ₹78 करोड़ जुटा चुकी है।
आज खुलने के बाद IPO पर बोली गुरुवार, 2 जनवरी तक चलेगी। 3 जनवरी को शेयर्स का अलॉटमेंट स्टेटस फाइनल हो जाएगा। इसके बाद 6 जनवरी को शेयर्स का डीमैट ट्रांसफर और रीफंड जारी कर दिया जाएगा। स्टॉक एक्सचेंज- BSE, NSE पर शेयर्स की लिस्टिंग 7 जनवरी को होगी।
Indo Farm Equipment ट्रैक्टर्स और पिक-ऐंड-कैरी क्रेन्स की इंटिग्रेटेड निर्माता है। कंपनी हारवेस्टर और रोटेवेटर्स जैसे उपकरण भी बनाती है। यह Indo Farm और Indo Power ब्रांड्स के तले अपने प्रॉडक्ट नेपाल, बांग्लादेश, सीरिया, म्यांमा, सूडान समेत कई देशों में बेचती है। इसकी आमदनी का करीब 7% निर्यात से आता है।
यह नए शेयर्स की सेल और ऑफर-फॉर-सेल का मिक्स है। इस IPO में ₹184.90 करोड़ की कीमत के 86 लाख नए शेयर्स होंगे जबकि ₹75.25 करोड़ के 35 लाख शेयर्स ऑफर-फॉर-सेल पर होंगे। यानी इनसे आने वाले कैपिटल प्रमोटर रनबीर सिंग खडवालिया को जाएगा, कंपनी को नहीं।
कंपनी ने इस IPO के लिए प्राइस बैंड ₹204 से ₹215 प्रति शेयर का तय किया है। खुदरा निवेशकों के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 69 शेयर्स का एक लॉट तय की गई है जिसकी कुल कीमत ₹14,835 की होगी।
कंपनी इस IPO के जरिए आने वाले कैपिटल में से ₹71.1 करोड़ का इस्तेमाल पिक-ऐंड-कैरी क्रेन मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नई इकाई बनाने में करेगी। कंपनी ₹45 करोड़ का निवेश अपनी NBFC सब्सिडियरी Barota Finance Ltd. में लगाकर उसका कैपिटल बेस मजबूत करना चाहती है ताकि भविष्य की कैपिटल जरूरतों को पूरा किया जा सके।
इसके अलावा ₹50 करोड़ कंपनी का बकाया चुकाने के लिए खर्च किया जाएगा और बचे हुए फंड सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों को पूरा करने में इस्तेमाल होगा। प्रमोटर्स को OFS के जरिए अपने शेयर्स को बेचने का मौका मिलेगा और स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग से कंपनी की बाजार में उपस्थिति दर्ज होगी।
वित्तीय वर्ष 2021-22 से FY24 के बीच ऑपरेशन्स से कंपनी की आमदनी 3.23% CAGR पर बढ़ी। इस दौरान इसका नेट प्रॉफिट 6.62% बढ़ा। सितंबर 2024 तक कंपनी की उत्पादक क्षमता 12 हजार ट्रैक्टर्स और 1,280 पिक-ऐंड-कैरी क्रेन्स की है। यह इटली, जापान, जॉर्डन, केन्या, पोलैंड, यूके जैसे देशों में ऑपरेट करती है।
विवरण | FY22 | FY23 | FY24 | Q1FY25 |
---|---|---|---|---|
रेवेन्यू (₹ करोड़) | 352.08 | 370.75 | 375.23 | 74.95 |
नेट प्रॉफिट (₹ करोड़) | 13.72 | 15.37 | 15.59 | 2.45 |
इसका मुख्य काम ट्रैक्टर और पिक-ऐंड-कैरी क्रेन्स का है और इनकी मांग में बदलाव होने से कंपनी के बिजनेस पर असर पड़ सकता है। पिक-ऐंड-कैरी क्रेन्स का विस्तार भी भारत के बाजार में मांग पर निर्भर करता है। एक बड़ा मुद्दा वित्तीय और रेग्युलेटरी जोखिम का है।
दरअसल, कंपनी की ट्रैक्टर बिक्री बैंकों, NBFCs और इसकी खुद की सब्सिडियरी NBFC से फाइनेंसिंग के जरिए होती है। वहीं, टॉप सप्लायर्स, डीलर्स पर निर्भरता का भी नकारात्मक असर कंपनी पर पड़ सकता है।
लेखकों के बारे में
अगला लेख