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Gold Price: ऑल-टाइम हाई पर पहुंचने के बाद गोल्ड में गिरावट, क्या खरीदारी का है मौका?

Upstox

3 min read | अपडेटेड February 24, 2025, 12:48 IST

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सारांश

Gold Price: निवेशकों का फोकस अब आगामी पर्सनल कंजप्शन एक्सपेंडिचर (PCE) इंडेक्स पर हैं, जिसका इस्तेमाल फेड द्वारा इनफ्लेशन को मापने के लिए किया जाता है। यह डेटा शुक्रवार (28 फरवरी) को जारी किया जाना है।

Gold Price: ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद ट्रेडर्स अब गोल्ड में मुनाफावसूली कर रहे हैं।

Gold Price: ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद ट्रेडर्स अब गोल्ड में मुनाफावसूली कर रहे हैं।

Gold Price: सोने की कीमतों में आज 24 फरवरी को गिरावट आई है। पिछले हफ्ते इसने रिकॉर्ड हाई को छू लिया था, जिसके बाद इसमें अब प्रॉफिट बुकिंग देखने को मिल रही है। निवेशकों को अब अमेरिकी इनफ्लेशन के आंकड़ों का इंतजार है, ताकि वे फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर अगली चाल का अनुमान लगा सकें।

आज कितनी है Gold की कीमत?

गोल्ड प्राइस की बात करें तो स्पॉट गोल्ड आज 0.4 फीसदी गिरकर 2,925.63 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। पिछले गुरुवार (20 फरवरी) को इसकी कीमत 2,954.69 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई थी। US गोल्ड फ्यूचर्स भी 0.5 फीसदी गिरकर 2,939.30 डॉलर प्रति औंस पर आ गया।

भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹10 गिरकर ₹8793.3 प्रति ग्राम पर आ गई, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत ₹8061.3 प्रति ग्राम पर आ गई।

Gold की कीमतों में हलचल की क्या है वजह?

प्रॉफिट बुकिंग- ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद ट्रेडर्स अब गोल्ड में मुनाफावसूली कर रहे हैं, जिससे इसकी कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है।
US इनफ्लेशन डेटा- निवेशक आगामी पर्सनल कंजप्शन एक्सपेंडिचर (PCE) इंडेक्स पर फोकस कर रहे हैं, जिसका इस्तेमाल फेड द्वारा इनफ्लेशन को मापने के लिए किया जाता है। यह डेटा शुक्रवार (28 फरवरी) को जारी किया जाना है। अधिक इनफ्लेशन फेड रेट डिसीजन को प्रभावित कर सकती है।
टैरिफ संबंधी चिंताएं- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आयातित वस्तुओं पर नए टैरिफ लगाने का संकेत दिया, जिससे ग्लोबल अनिश्चितता बढ़ गई। चीनी आयात, स्टील और एल्युमीनियम पर मौजूदा टैरिफ ने पहले ही बाज़ारों पर दबाव डाला है।
जियो-पॉलिटिकल टेंशन: ट्रंप ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को स्वीकार किया और अमेरिका और कीव के बीच मिनरल एग्रीमेंट का संकेत दिया। जियो-पॉलिटिकल रिस्क में कोई भी बढ़ोतरी सोने की सेफ-हेवन डिमांड को सपोर्ट कर सकती है।
डॉलर और बॉन्ड यील्ड: कमजोर आर्थिक आंकड़ों, जिसमें कम सर्विसेज PMI और बढ़ती जॉबलेस क्लेम शामिल हैं, के कारण अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई। अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड यील्ड में भी 4.50% से नीचे की गिरावट आई, जिससे सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला।

क्या खरीदारी का है मौका?

मौजूदा गिरावट के बावजूद एनालिस्ट्स सोने के लॉन्ग टर्म आउटलुक के बारे में बुलिश बने हुए हैं। इनफ्लेशन की लगातार चिंताएं, केंद्रीय बैंक की नीतियां और जियो-पॉलिटिकल रिस्क मांग को मज़बूत बनाए रख सकते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशक कीमतों में गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में देख सकते हैं।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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