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  1. FII की निकासी पर मार्च में लगेगा ब्रेक? 5 महीने की बिकवाली के बाद अब क्यों बढ़ा विदेशी निवेश

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FII की निकासी पर मार्च में लगेगा ब्रेक? 5 महीने की बिकवाली के बाद अब क्यों बढ़ा विदेशी निवेश

Upstox

2 min read | अपडेटेड March 28, 2025, 13:07 IST

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सारांश

मार्च महीने की बात करें तो 27 मार्च को लगातार छठे दिन FII ने खरीदारी की। 27 मार्च को अकेले ही FII ने 11,111.25 करोड़ रुपये के शेयर खरीद डाले। इस अग्रेसिव खरीदारी के चलते मार्च में अब तक के आंकड़ों के अनुसार FII ने कुल 6367 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की है।

सितंबर के बाद पहली बार मार्च में FII इक्विटी के नेट बायर बनने की राह पर हैं।

सितंबर के बाद पहली बार मार्च में FII इक्विटी के नेट बायर बनने की राह पर हैं।

फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स यानी FII की बिकवाली के चलते लंबे समय से भारतीय शेयर बाजार दबाव में है। हालांकि, इस मोर्चे पर अब निवेशकों के लिए राहत की खबर है। सितंबर के बाद पहली बार मार्च में FII इक्विटी के नेट बायर बनने की राह पर हैं। इसके पहले लगातार पांच महीने तक FII ने बिकवाली की है। इस दौरान उन्होंने करीब 323765 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले।

अगले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा, उचित वैल्यूएशन और अमेरिकी फेड के रूझान के चलते भी सेंटीमेंट पॉजिटिव हुआ है।

मार्च में बदला विदेशी निवेशकों का मूड

मार्च महीने की बात करें तो 27 मार्च को लगातार छठे दिन FII ने खरीदारी की। 27 मार्च को अकेले ही FII ने 11,111.25 करोड़ रुपये के शेयर खरीद डाले। इस अग्रेसिव खरीदारी के चलते मार्च में अब तक के आंकड़ों के अनुसार FII ने कुल 6367 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की है। अब इस महीने का सिर्फ एक ही कारोबारी दिन बचा है। अगर आज भी FII खरीदारी करते हैं है तो वे नेट बायर बने रहेंगे।

अक्टूबर से लगातार हो रही थी बिकवाली

इसके पहले आखिरी बार सितंबर 2024 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 12,611.79 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। हालांकि, इसके बाद अक्टूबर में 114,445.89 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली देखी गई। इसके अलावा, FII ने नवंबर में 45,974.12 करोड़ रुपये, दिसंबर में 16,982.48 करोड़ रुपये, जनवरी में 87,374.66 करोड़ रुपये और फरवरी में 58,988.08 करोड़ रुपये की निकासी की।

भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश बढ़ने के कारण

भारतीय बाजार में निवेशकों की रुचि बढ़ने का मुख्य कारण RBI और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें हैं। इस साल दो और कटौतियों की संभावना जताई गई है। Nifty इंडेक्स में बदलाव के चलते भी बाजार में निवेश आया है।

इसके अलावा, RBI के नए लिक्विडिटी उपाय, बाजार में सुधार के बाद उचित वैल्यूएशन और अमेरिका-चीन के शेयर बाजारों के कमजोर प्रदर्शन ने भारत को विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया है।

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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